हसदेव अरण्य-ऋषि मुनियों की तपोभूमि,भगवान राम का वन गमन क्षेत्र बर्बादी की कगार पर।कहीं सिंहदेव बनाम सिंहदेव की सुस्त राजनीति भी तो इसका कारण नहीं?प्रमाण सहित ‘पहल’ की ये विशेष रिपोर्ट।
‘हसदेव अरण्य’ ये नाम सुनने पर पहले कानों में पेड़ पौधों की सरसराहट, पंक्षियों का कलरव गूंजने लगता था।आंखों के सामने हंसते मुस्कुराते हरे भरे जंगल,हिरण चीतल की कुलांचे,सियारों का…