छत्तीसगढ में हसदेव अरण्य के जंगलों और ग्रामीणों की ज़मीन बचाने का वादा भी कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण वादा था।
ग्रामीणों व देश विदेश के कई लोग,सामाजिक संगठन भी यहां खदान का विरोध कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव जो सरगुजा संभाग से हैं उन्होंने कहा भी था कि कोई कटाई नहीं होगी।
पर बीती रात से ही प्रशासन यहां बंद खदानों व छिन चुके रोज़गार को लेकर पुरानी खदान को शुरू करने के लिए 43 हेक्टेयर में लगे जंगल को काटने में सक्रिय हो गया है।
टी एस सिंहदेव ने दूरभाष पर चर्चा में बताया है कि” यहां जो पेड़ काटे जा रहे हैं उसके लिए ग्रामीणों का दल कल ही मुझे पत्र सौंपा है कि इन पेड़ कटने से उन्हें कोई एतराज नहीं है। बस नई खदान शुरू करने के लिए पेड़ मत काटे जायें।”
लेकिन भाजपा के वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष व अपनी साफगोई के लिए जाने वाले वीरेंद्र पांडेय ने स्पष्ट कहा है कि” सकरार अपना रूख साफ़ करे।अभी अभी टी एस सिंहदेव जी ने पेड़ नहीं काटने का आश्वासन दिया था फिर ये प्रक्रिया शुरू क्यों की गई। मेरी भी बात अधिकारियों से हुई है वहां कटाई शुरू हो रही है।स्थानीय लोगों को बिठाया भी गया है। आखिर इतनी जल्दी क्यों की जा रही है।”
वहीं इस आंदोलन हसदेव बचाओ अभियान के कर्ता धर्ता एनजीओ के आलोक शुक्ला ने बताया कि “उन्हें दिल्ली इन्कम टैक्स की नोटिस पर कल से ही पूछताछ के लिए दिल्ली में बुलाया गया है और पूछताछ चल रही है।”
बहरहाल टी एस सिंहदेव के अनुसार “43 हेक्टेयर में प्रति हेक्टेयर लगभग साढ़े तीन से चार हज़ार पेड़ कटेंगे।ये एक अनुमान है। “
संख्या बढ़ भी सकती है।लेकिन तय है कि डेढ़ लाख पेड़ सरगुजा संभाग में अब नहीं बचेंगे।
देखना ये है कि क्या भाजपा भी अपना ढुलमुल रवैया रखेगी या कुछ राजनीति गर्माएगी।