जंगल में मशीनों को लगाकर तेजी से पेड़ की कटाई चल रही है।

छत्तीसगढ में हसदेव अरण्य में अदानी के MDO वाले कोयला खदान PEKB-2 के लिए बीती रात से ही प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था कर ली थी।

सरकार के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव ने ग्रामीणों के लिखे ख़त का हवाला दिया ज़रूर है मगर यहां के लगभग डेढ़ लाख से अधिक पेड़ काटे जायेंगे।

जबकि यहीं के लोगों के साथ मिलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय व राज्य के नेताओं ने इस जंगल को,यहां की प्रकृति को बचाने का वादा कर इनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का वादा किया था।

वहां के लोग कह रहे हैं कि क्षेत्र में भारी संख्या में फोर्स लगाकर ग्रामीणों को बाहर ही रोक दिया जा रहा है।

सत्ता का चरित्र भी कितना अजीब होता है।आदिवासी हितों की बात करने वाले और विकास की गंगा बहाने वाले सरगुजा संभाग के आदिवासी नेता भी इस पर मौन हैं।

वहीं वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार पांडेय इसे लेकर कह रहे हैं कि सरकार रूख साफ़ करे।

बहरहाल पर्यावरण को लेकर चिंतित राज्य समेत देश भर से इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है।

कई संगठन इसे लेकर अलग अलग शहरों में विज्ञप्ति भी देने वाले हैं।

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