तीन दिन से सरगुजा समेत छत्तीसगढ की राजनीति का केंद्र हसदेव अरण्य के जंगल को लेकर अदानी की माईंस बनी हुई है।
कल सरगुजा के चंद भाजपाई स्थल के पास जाकर विरोध करने का जो ढोंग किए वो अब सोशल मीडिया पर इन सबकी किरकिरी का विषय बन चुका है।
इन सबके बाद भी सरगुजा में भाजपा ने कोई सीख न लेकर आज फिर ऐसी बचकानी हरक़त कर डाली जो उसे हंसी का पात्र ही बना रही है।
दरअसल यहां भाजपा अदानी की माईंस का पेड़ कटने का विरोध कर रही है या खाली टी एस सिंहदेव टी एस सिंहदेव का नारा लगाकर तीन बार की लगाकर हार की चोट की पीड़ा को उजागर कर रही है ये वाकई समझ से परे है।
आज अंबिकापुर में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव
के बंगले का भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने घेराव किया. आपको बता दें कि परसा ईस्ट केते बासेन में कोयला खनन की मंजूरी मिलने के बाद से ही विरोध देखा जा रहा था. वही हसदेव अरण्य के जंगल को काटने का विरोध ग्रामीण भी लगातार कर रहे थे।विगत दो दिनों से पेड़ कटाई हो भी गई इसके विरोध में भाजपा के द्वारा कोल खदान में जाकर विरोध प्रदर्शन किया. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलने पर भाजपा के द्वारा आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के बंगले का घेराव किया गया. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने कहा कि जिस तरह से लगातार ग्रामीणों का विरोध हरदेव जंगल को काटने को लेकर किया जा रहा था. उस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि एक भी पेड़ कटेगा तो सबसे पहले गोली मैं खाऊंगा, लेकिन आज पेड़ कट गया और गोली भी नहीं चली तो स्वास्थ्य मंत्री कहां है.इस तरह के बयान बाजी से बचने को भी कहा।
कांग्रेस के ब्लाक उपाध्यक्ष शिवेश सिंह( बाबू)ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी परमिशन दी है तो उसका विरोध क्यों नहीं करते?इनकी सांसद श्रीमती रेणुका सिंह जी कहां हैं।
वैसे कांग्रेस का कहना भी सही है कि जब केंद्र व राज्य दोनों सरकारें परमिशन दी हैं यहां तो इसमें टी एस सिंहदेव का नाम अलापने से भाजपा की एक वेवशी ही दिखाई दे रही है।
कम से कम टी एस सिंहदेव ने पत्र दिखाया और पारदर्शिता के साथ अपनी बात को कहे मगर ये भाजपाई 15साल तक सत्ता में रहने के बाद भी विकास न होने के लिए टी एस सिंहदेव को जिम्मेदार ठहराते हैं ये हास्यास्पद है।
बहरहाल सूत्रों की मानें तो भाजपा संगठन भी सरगुजा में कोई नए और ऊर्जावान व प्रतिभावान चेहरे की खोज में लगा हुआ है।
वहीं ज़िले की सांसद रेणुका सिंह जिनके पास कई शक्तियां हैं वो स्वयं इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठी हैं जो समझ के परे है।
लोग भी कह रहे हैं कि भाजपाईयों को पता था तो वहीं जाकर पेड़ों के पास क्यों नहीं खड़े हो गए। इनका चाल चरित्र सब जनता को समझ आ रहा है।
वैसे इन सब बातों से स्पष्ट है कि सरगुजा में दमदार जनप्रतिनिधि का न होना इस क्षेत्र की जनता के लिए अभिशाप होता जा रहा है।