छत्तीसगढ के साथ साथ मध्यप्रदेश की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे संगठन के अजय जमवाल के मध्यप्रदेश के लगातार दौरे के बाद अब छत्तीसगढ में भी ज़िले ज़िले में दौरे करने की रूपरेखा तैयार है।
जानिए पहले मध्यप्रदेश की बैठक के समाचार
2023 के मध्य प्रदेश होने वाले विधानसभा चुनाव
व 2024 को होने वाले लोकसभा के चुनाव की रणनीति के लिए मध्य प्रदेश भाजपा कोर समिति की बैठक शनिवार दिनांक 1 अक्टूबर 2022 को संपन्न हुई।
राजधानी भोपाल से 55 किलोमीटर दूर रायसेन ज़िला में रातापानी अभ्यारण से 8 किलोमीटर दूर जंगल के गेस्ट हाउस में जहां मोबाइल प्रतिबंधित था और मोबाइल नॉट रिच एबल भी था वहां मध्य प्रदेश के करीब 50 प्रमुख भाजपा नेताओं की बैठक संपन्न हुई शिवराज सिंह चौहान सरकार के मात्र 8 मंत्री इस बैठक में उपस्थित थे।
इस बैठक में 2023 में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर गंभीर मंत्रणा की गई।
यह बैठक भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने ली। इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के संगठन प्रभारी अजय जामवाल एवं मध्य प्रदेश भाजपा के प्रभारी पी मुरलीधर राव भी उपस्थित थे। मध्य प्रदेश भाजपा की चुनाव के लिए क्या तैयारी है इसकी ब्रीफिंग प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा ने और संगठन प्रभारी अजय जमवाल ने बैठक में रखी ।
बैठक काफी गोपनीय रही जो सुबह 10:00 बजे प्रारंभ होकर शाम 7:00 बजे समाप्त हुई। यह मैराथन बैठक थी 9 घंटे तक चली। इस बैठक के बारे में मीडिया को दूर रखा गया था बैठक के बाद भी बैठक में उपस्थित किसी भी नेता ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया।
अब जानिए छत्तीसगढ में होने वाली बैठक के बारे में-
ऐसी ही एक बैठक छत्तीसगढ़ भाजपा की करीब 50 लोगों की धमतरी जिले के गंगरेल के रिसोर्ट में होने जा रही है।यह मैराथन बैठक 6 अक्टूबर 2022 को होनी है अब देखना है कि इस बैठक में किसे किसे आमंत्रित किया गया और बैठक कौन लेंगे।
ये तो तय है कि भाजपा चुनाव के सवा साल पहले ही ‘इलेक्शन मोड’ पर आ चुकी है।
सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ में भी आंतरिक सर्वे कई आधार पर संगठन ने बहुत ही गोपनीय तरीके से करवा लिया है।आम ज़मीनी कार्यकर्ताओं को अब आने वाले समय में तेजी से छत्तीसगढ भाजपा में सक्रिय कर एक रूपरेखा के अनुसार उन्हें उतार कर कम समय में लक्ष्य देकर परिणाम प्राप्त करने की योजना है।
कुछ दिन पूर्व ही भाजयुमो में ज़मीन से जुड़े रवि भगत को लाना इस कड़ी की एक छोटी सी शुरुआत थी।
संगठन छत्तीसगढ के हर ज़िले से उन भाजपाईयों की कुंडली भी तैयार कर बैठ गया है जो अपने को पार्टी से ऊपर समझने लगे थे,जिनकी वजह से अच्छे कार्यकर्ता को आगे बढ़ने ही नहीं दिया गया है।वहीं सांठगांठ कर बड़ी ठेकेदारी में लिप्त कुछ बड़े नाम भी संगठन की निगाह में आ चुके हैं उनका कद भी अब कम किया जा रहा है।
इसी क्रम में छत्तीसगढ भाजपा अपने कई ज़िलों के अध्यक्ष भी बदलने वाली है।कुछ जिलाध्यक्ष का कार्यभार परिवर्तन भी किया जा सकता है।