सरगुजा पुलिस की ‘भावना’ का जनता के लिए संवेदनशून्यता का परिणाम है ये जघन्य हत्याकांड।
अंबिकापुर शहर से लगे मणिपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम थोर में बीती रात अज्ञात आरोपी द्वारा घर में घुसकर सो रहे पति-पत्नी की ठोस वस्तु से हत्या करने का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल ग्राम थोर के रहने वाले पति आशा राम और पत्नी उर्मिला यादव अपने दुधमुंहे मासूम बच्चे के साथ घर में सो रहे थे।
इधर जब सुबह हुई तो घर में मौजूद परिजनों के दरवाजे को अज्ञात आरोपियों द्वारा बंद कर दिया गया था। जिसके बाद मृतक का भांजा किसी तरह दरवाजा को तोड़कर घर से बाहर निकला तब देखा कि घर में मामा आशा राम को खून से लथपथ देख आसपास के ग्रामीणों को सूचना दिया। इधर ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तत्काल गंभीर रूप से घायल पति और पास पड़े डेढ़ साल के बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया ,जहां डॉक्टरों ने पति आशा राम को जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया है तो वही बच्चे का गंभीर हालत में उपचार जारी है। वहीं दूसरी ओर मृतक की पत्नी उर्मिला यादव का शव सरगुजा ज़िले के उदयपुर मुटकी जंगल में पेड़ से अर्धनग्न अवस्था में लटका मिला है।इसके बाद से ही मृतक के घर फॉरेंसिक की टीम,डॉग स्क्वायड सहित सरगुजा पुलिस की स्पेशल टीम गठित कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी में जुट गई है।
प्रिंस यादव_मृतक का भांजा है इसके अनुसार मंजर देखकर हम सब डर गए।
मामले में एडीशनल एसपी का कहना है कि हम हर तरीके से तफ्तीश में लगे हैं।
बहरहाल सरगुजा ज़िले की कानून व्यवस्था का आलम ये है कि ज़िला मुख्यालय में ही पुलिस आवारा तत्वों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।शाम होते ही मैदान मयखाने में तब्दील होने लगते हैं वहीं बाईक सवार स्टंटबाज शहरों में बेधड़क घूमते हुए पुलिस की कानून व्यवस्था का माखौल उड़ाते नज़र आते हैं।हर मोहल्ले के वरिष्ठ व आमजन इन हुड़दंगियों से त्रस्त हैं परंतु पुलिस को ये दिखाई न देना समझ से परे है।
पुलिस विभाग में कई संवेदनशील अधिकारी और कर्मचारी हमेशा अपनी मिसाल पेश कर समाज में अमन चैन के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। दुर्भाग्य वश वर्तमान स्थिति में ये चीज़ें देखने को नहीं मिल रही हैं।
इस जघन्य हत्याकांड ने पुलिस की गश्ती पर भी सवाल उठा दिए हैं।घर में घुसकर पति की हत्या फिर पत्नी की लाश घर से दूर जंगल में मिलना आखिर ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था ही तो उजागर कर रहा है।
आखिर पुलिस कहां व्यस्त है? ये सवाल अब सरगुजा का आम नागरिक भी उठा रहा है।