राजनीति में आंदोलन,यात्राओं और अनशन का महत्व हमेशा से रहा है।
सरगुजा ज़िले के अरूण कुमार मिश्रा जिनकी उम्र 70 वर्ष है,इनकी जोश भरी यात्रा हर एक के आकर्षण का केंद्र बन रही थी।लेकिन इन्हें इस्तीफा देने के लिए एक तरह से कांग्रेस की ओर से ही बाध्य किया गया।
अब सवाल उठता है कि कांग्रेस के समर्थन में ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इन्होंने भी ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं बिना किसी के सहयोग से माईक लेकर ढोल मजीरे के साथ दमदार तरीके से गांव के लोगों के साथ यात्रा शुरू कर दी।
एक नाला पड़ा वहां पुलिया नहीं थी इस पर इन्होंने छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होश में आओ ,पुलिया बनवानी होगी जैसे नारे लगाकर एकाएक कांग्रेस के कोपभाजन का शिकार हो गए।
देखिए कांग्रेस के सरगुजा ज़िले के महामंत्री अरूण कुमार मिश्रा का कांग्रेस से इस्तीफा और बेहद तल्ख लहजे में लिखा गया ये पत्र।
अरूण कुमार मिश्रा ने अपने क्षेत्र की सही मांग को रखा है इससे कांग्रेस को प्रसन्नता होनी चाहिए। परंतु सरगुजा के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव अब अपना कद छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने बहुत छोटा महसूस कर रहे हैं ऐसा उनके आसपास के ही लोग बोलने लगे हैं। इस कारण इन्होंने अपने कट्टर समर्थक को संदेश भेजकर इनसे कहलवाया कि आपको निष्कासित किया जा सकता है इसलिए आप त्याग पत्र दे दीजिए।
बहरहाल 70 वर्षीय अरूण कुमार मिश्रा के बेबाक नारों ने ये तो सिद्ध कर दिया है कि छत्तीसगढ की कांग्रेस सरकार में विकास के दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन वास्विकता कुछ और है।
कायदे से कांग्रेस को अरूण कुमार मिश्रा जैसे जुझारू लोगों की ही सख्त ज़रूरत है मगर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कई जगहों पर कांग्रेस की सच्चाई उजागर करने वाली भी बन सकती है।
वैसे ये सब मुद्दे तो सरगुजा के भाजपाईयों को ढोल नगाड़े लेकर उठाने चाहिए पर हो उल्टा रहा है।
यहां ये जानकारी देनी भी ज़रूरी है कि अरूण कुमार मिश्रा जो कांग्रेस के लिए तन मन धन से पूरी निष्ठा से लगे थे इनके पिता स्वर्गीय रेवती रमण मिश्रा सरगुजा में आरएसएस के संस्थापक सदस्य में एक थे और जनसंघ से अविभाजित सरगुजा (उस समय मध्यप्रदेश का अंग) के सूरजपुर से विधायक भी थे।
वैसे कांग्रेस के अरूण कुमार मिश्रा से कांग्रेस व भाजपा इन दोनों दलों के उन निष्क्रिय हवा हवाई नेताओं को सीख ज़रूर लेनी चाहिए कि आमजन से किस तरह आत्मीयता से जुड़कर उन्हें अपने साथ जोड़ा जाता है।
झूमते गाते अरूण कुमार मिश्रा का अलख जगाने वाला ये वीडियो इनके आलाकमान गांधी परिवार तक तो ज़रूर पहुंचना चाहिए,जिससे वो छत्तीसगढ की सही स्थिति को समझ सकें।