राजनीति में अपने विरोधी का विरोधी दोस्त ही होता है।ये देखने को मिला छत्तीसगढ के अंबिकापुर में जहां प्रत्येक वर्ष पीजी काॅलेज मैदान में दशहरे का वृहद आयोजन होता है।
अंबिकापुर में अपनी कुलदेवी मां महामाया की पूजा के लिए अष्टमी से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव भी अंबिकापुर में थे और भूपेश बघेल के कट्टर समर्थक माने जाने वाले खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी सरगुजा के अंबिकापुर में डेरा डाल कर बैठे हुए थे।
भाजपा की हालत सरगुजा में छिपी नहीं है।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने अष्टमी की पूजा महामाया मंदिर में की फिर कल दशहरे में अपने पैलेस ( पुराने राजमहल) में शस्त्र पूजा भी की।
वहीं भाजपा के कुछ लोग और हिंदू एकता मंच से जुड़े लोगों ने विजयादशमी पर ऐतिहासिक रैली निकालकर अपना परचम फहराया।
अब सबके बाद मैदान में आए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत। जिनकी मुक्त कंठ प्रशंषा की भाजपा के अंबिकापुर नगर निगम के पार्षद आलोक दुबे ने। मंच से कहा”छत्तीसगढ़ सरकार के परम सम्मानीय मंत्री अमरजीत भगत जी और मंच पर आसीन पंच व यहां आईं मातायें बहनें व समस्त जन मैं आपको विजयादशमी की शुभकामनायें देता हूं।और एक बात कहना चाहता हूं कि माननीय मंत्री जी ने सरगुजा की लोक संस्कृति के शैला व करमा की 62 मंडलियों को बुलाया जो एक रिकार्ड है और अपनी तरफ से प्रत्येक टीम को पांच पांच हज़ार रूपए दिए।”
लोग यही कह रहे हैं कि अमरजीत भगत न तो रैली निकाले न शस्त्र पूजन करवा पाए हां वो रावण दहन के कार्यक्रम पर अपने विरोधी दल के पार्षद से जो टी एस सिंहदेव के धुर विरोधी हैं उनके मुख से मुक्त कंठ प्रशंसा पाकर अपनी उपस्थिति अंबिकापुर में आसानी से करवा गए।