ईडी की छत्तीसगढ में बड़े और चर्चित नामों के ठिकानों पर छापेमारी से सत्ताधीश और नौकरशाहों में जमकर बेचैनी है।

सबसे चर्चित हैं आईएएस दंपत्ति रानू साहू और जयप्रकाश मौर्य का नाम। रानू साहू कोरबा कलेक्टर रहते हुए ही विवाद में थीं और कई बड़े मामलों में इनका नाम आ रहा था।

महासमुंद अल सुबह प्रवर्तन निदेशालय ईडी का छापा।

ईडी ने छह स्थानों पर मारी रेड।

इनमें छत्तीसगढ़ शासन के बीज विकास निगम के अध्यक्ष व पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर, उनके दामाद व कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष जसमीत बादल मक्कड़ सहित अन्य दो और व्यापारिय रियल स्टेट व्यापारी सन्नी लुनिया अजय नायडू के यहां छापा मारा गया।

ईडी के साथ सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स जवान मौजूद
रायगढ़ ब्रेकिंग

रायगढ़ के कलेक्टर रानू साहू के घर पड़ा ईडी का छापा,

सूत्रों के अनुसार परिजनों के घर तक पहुंच ईडी की टीम ,

शहर के कलेक्टर बंगला में ईडी के अधिकारी सुबह 5 बजे से ही पहुंचे छापेमारी की कार्यवाही के लिए।

रायगढ़ के गांजा चौक निवासी नवनीत तिवारी के घर में भी पड़ा है छापा।

रायपुर- ईडी छापे पर पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस को इसकी आशंका पहले से थी
केंद्र सरकार सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि
मुख्यमंत्री भी यही आशंका जाहिर करते रहे हैं।
कोरबा ब्रेक

कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार जांच एजेंसी का दुरूपयोग कर रही है।

कोरबा शहर के कुछ व्यापारियों के यहां भी ईडी का छापा खंगाले जा रहे हैं महत्वपूर्ण दस्तावेज

ईडी की एक टीम आज अलसुबह कोरबा पहुंची.ट्रांसपोर्ट नगर और श्री अग्रसेन मार्ग में तीन व्यापारियों के यहां आईडी की टीम ने दबिश दी है.कोरबा के बाहर से आए पुलिसकर्मियों को घर और कार्यालय के समक्ष तैनात कर दिया गया है. ईडी के अधिकारी अंदर बैठकर दस्तावेजों की जांच करते हुए सर्व संबंधितों से जानकारी हासिल कर रहे हैं।यहां आरकेटीसी कंपनी में जांच चल रही है।

वहीं छत्तीसगढ में स्वास्थ्य सुविधा के लिए पूरे राज्य में एम्बुलेंस सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी जय मां अम्बे कंपनी के ठिकानों पर भी ईडी के अधिकारी गहरी छानबीन में लगे हुए हैं।

ईडी की ये कार्यवाही इतनी गोपनीय थी कि सुरक्षा के लिए भी सीआरपीएफ के कई जवानों को भी बाहर से लाया गया है।

कुल मिलाकर अब कोयले,शराब और अन्य कारोबार में कुछ सरकारी अधिकारियों के सहयोग से अनुपातहीन संपत्ति जमा कर चुके लोगों की मुसीबत अब बढ़ चुकी है।

वहीं सूत्रों की मानें तो एक पुलिस अधिकारी के नाम की चर्चा भी इस कारोबार में लिप्तता की पाए जाने के प्रमाण ईडी के हाथ लग चुके हैं।

By admin

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