ईडी के पड़े ताबड़तोड़ छापे से आज पूरे छत्तीसगढ समेत देश के लिए एक ख़बर सुर्खियों में है कि एक कलेक्टर के सरकारी आवास में आज ईडी की टीम पहुंच गई।
प्रशानिक अधिकारियों के घर ED की दबिश के अलावा कौन कौन सकते में हैं पढ़िए ये पूरी ख़बर।
पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमनसिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
कहा कि : छत्तीसगढ़ आज शर्मसार हुआ है , 25 रुपये प्रति टन कोयला का हो रही है। BJP सीधी लड़ाई नहीं लड़ पा रही है कांग्रेस के इस आरोप पर कहा कि इस एजेंसी का इंतज़ार मुख्यमंत्री बघेल पहले से ही करते थे , ED के लिए कोई नई बात नहीं है।इस सरकार ने कोई सड़क , पुल नहीं बनाया , आने वाले समय में एक एक तथ्य सामने आएंगे।
कलेक्टर को कलेक्टिंग एजेंट बनाया गया है।अंग्रेजों के शासनकाल में कलेक्टर कलेक्टिंग एजेंट होता था आज छत्तीसगढ में ये बात सामने आई मैं तो पहले से ही कह रहा था।सड़को के गड्ढे को लेकर कहा डेढ़ घंटे तक कलेक्टर कांफ्रेंस में गड्ढे की ही चर्चा होती रही , ऐसा पहली दफा हुआ है।
11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में छापे पड़े हैं आईएएस और ठेकेदार और सत्ता पार्टी से जुड़े नेताओं के यहां यह छापा पड़ा है ईडी का।
इसके पहले उपरोक्त लोगों के यहां आयकर विभाग के छापे पड़े थे और माइनिंग अधिकारियों के यहां भी छापे पड़े कुछ माइनिंग अधिकारियों के भोपाल में हुई पूछताछ के बाद ईडी छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर को सक्रिय हुई है।
लेकिन कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के सत्ता पार्टी के विधायकों में भय व्याप्त हो चुका है सूत्र यह बता रहे हैं कि रायगढ़.. चांपा जांजगीर… कोरबा…. सूरजपुर… से प्राप्त माइनिंग की और कोयला की अवैध वसूली चर्चा के अनुसार की गई थी और चर्चा के अनुसार अभी भी जारी है उस राशि का बंदरबांट सत्ता पार्टी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शंकर नगर के बंगले से शेयर प्रतिमाह दिया जाता था अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो लेने वाले जाने या देने वाले जाने लेकिन कांग्रेस के नेताओं के बीच यह चर्चा का विषय है अब उन्हें भय है कि कहीं इससे जुड़े अधिकारी और वह व्यक्ति जो वसूली में महत्वपूर्ण योगदान अदा करता था कहीं नाम उजागर ना कर दे इस बात को लेकर सभी चिंतित हैं लेकिन आगे क्या होगा इसका हमें इंतजार करना होगा।
वहीं आज छत्तीसगढ के एक बड़े कोयला व्यापारी को जो रायगढ़ का है और रसूखदार है इसे ईडी ने कड़ी पूछताछ के लिए पकड़ लिया है इससे उन कोयला व्यापारियों और नेताओं के होश उड़ चुके हैं जो इस बड़े कारोबारी के साझेदार थे।
ये तय है कि ईडी की ये कार्यवाही छत्तीसगढ में कई सफेदपोशों को बेनकाब कर बहुत बड़ा खुलासा जल्दी ही करेगी।