आज यूपी के लखनऊ से एक वीडियो ट्वीट के माध्यम से कई ग्रुप से वायरल होकर जंगल में आग की तरह फैलकर अन्य राज्यों के ग्रुप में भी वायरल होना शुरू हो गया।
इसमें लिखा था कि
लखनऊ: यह क्लिप कथित तौर पर शिशु भारतीय विद्यालय मालवीय नगर, ऐशबाग की है।
बच्चे भारत माता का ताज छीन कर जबरन नमाज अदा करते नजर आए। यह राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत एक संज्ञेय अपराध है।
मगर जब इस बात की तहकीकात की गई तो खुलासा हुआ कि लखनऊ के शिशु भारतीय विद्यालय,मालवीय नगर थाना बाज़ार खाला का है।योगी आदित्यनाथ की चुस्त पुलिस और साईबर सेल ने तत्काल इस मामले पर स्कूल प्रबंधन से बात की तो पता चला बच्चों में साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए एक नाटक का मंचन विद्यालय में किया गया था। इससे आधा अधूरा वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया में डाल दिया गया।
इसे लेकर लखनऊ पुलिस सख्ती से इसे प्रचारित करने वाले की तलाश कर रही है।
मगर प्रश्न ये उठता है कि विद्यालय प्रबंधन को इस तरह के विवादित विषय पर मंचन की आखिर क्या आवश्यकता थी? देश आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। बच्चों को संदेश देने के और भी तो तरीके हो सकते हैं।इस बात की चर्चा भी अब जोर पकड़ रही है।