अभिनंदन समारोह के कार्ड में विशेष रूचि पिछला चुनाव हार चुके राजेश मूणत की सामने आ रही है।
इस विज्ञापन के पोस्टर से भाजपा संगठन के तीन प्रमुख शिवप्रकाश ,अजय जामवाल समेत पवन साय के चेहरे गायब हैं।ये चूक है या कोई संकेत?

चूक अचूक या अचूक चूक

विज्ञापन देने में क्या चूक हुई या संदेश देने का अचूक प्रयास किया गया है।
15102022

रायपुर :
छत्तीसगढ़ के सभी लीडिंग समाचार पत्रों में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, उनके आज जन्मदिन पर जैनम मानस भवन एयरपोर्ट के सामने अभिनंदन समारोह रखा गया है, इस अवसर पर लाखों रुपए का विज्ञापन दिया गया। लेकिन इस विज्ञापन में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जिनका मुख्यालय रायपुर है का फोटो ना डालना साथ ही शिवप्रकाश और पवन साय की फोटो गायब करना क्या ये संदेश है कि आप हमसे बड़े नहीं हो, हम आपसे बड़े हैं। प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं और प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में जैसा कि सूत्र बता रहे हैं चर्चा का विषय है कि यह चूक कैसे हो गई। क्या भाजपा के अंदर आंतरिक रुप से जबरदस्त गुटबाजी फैल रही है?चर्चा तो यही है।
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डॉक्टर रमन सिंह का जन्मदिन
हार के तीन साल बाद याद क्यों आयी
15102022

रायपुर :
2018 के विधानसभा चुनाव में 15 वर्ष तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रहने के बाद अपमानजनक हार हुई थी, इसके बाद प्रदेश भाजपा में और केंद्रीय संगठन में भूचाल आ गया था।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई 2021 तक छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का जन्मदिन 15 अक्टूबर को जनता और कार्यकर्ता लगभग भूल चुके थे।
अब सादर आमंत्र
15 अक्टूबर 2022 के लिए भाजपा के प्रदेश भर के 31 संगठन जिलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के पास एक संदेश पहुंचा कि लोकप्रिय भाजपा के नेता पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी का जन्मदिन पर एयरपोर्ट के सामने जैनम मानस परिसर में अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया है, जिसमें भोज की भी व्यवस्था की गई है आप सादर आमंत्रित हैं।

पूर्व कोषाध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और पूर्व मंत्री राजेश मूणत का प्रदेश भर के भाजपा नेताओं को व्हाटसअप के माध्यम से सादर आमंत्रण प्रदेश के सभी जिलों के कार्यकर्ताओं में उनके पास पहुंचे ऐसे संदेश से आश्चर्यचकित रह गए कि भाजपा सरकार इसके मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह थे, उनके कार्यकाल में हुई कार्यकर्ताओं की उपेक्षा चरम सीमा पर बढ़ी, भ्रष्टाचार और सरकार लगभग ब्यूरोक्रेट्स के हाथों सिमट कर रह गई थी। उसी के कारण भाजपा को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा, अब अचानक यह महिमामंडन क्यों?
विज्ञापन
प्रदेश के सभी लीडिंग समाचार पत्रों में लाखों रुपए का विज्ञापन दिया गया है, क्या यह केंद्रीय नेतृत्व को संदेश देने का प्रयास है कि 2023 में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाए।
सामूहिक नेतृत्व या डॉक्टर रमन
चूंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा के संगठन प्रभारी छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी सहित अन्य नेताओं ने स्पष्ट कर दिया था कि 2023 का विधानसभा चुनाव भाजपा सामूहिक नेतृत्व पर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी, तो क्या सरकार जाने के 3 वर्षों बाद अभिनंदन समारोह और जन्मदिन के नाम पर यह शक्ति परीक्षण है और केंद्रीय संगठन को संदेश देने का प्रयास है, छत्तीसगढ़ी जनमानस और कार्यकर्ताओं में तो यही चर्चा है।
संगठन प्रभारी सरगुजा में
हालांकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए नियुक्त क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री पवन साय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उपस्थित नहीं रहेंगे क्योंकि वह 15 और 16 अक्टूबर को सरगुजा संभाग के दौरे पर हैं।
क्या वसुंधरा के मन की राह पर निकल पड़े डा. रमन?
ठीक इसी तरह केंद्रीय नेतृत्व को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी राजस्थान में संगठन से हटकर प्रदेश में यात्रा प्रारंभ हुई है और सूत्र यह बता रहे हैं कि वसुंधरा राजे सिंधिया का केंद्रीय नेतृत्व को स्पष्ट कहना है कि या तो मुझे 2023 की राजस्थान विधानसभा चुनाव का चेहरा घोषित करें, नहीं तो मैं निर्णय लेने में स्वतंत्र हूं।
तीन वर्षों बाद जन्मदिन
2018 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अपमानजनक हार के बाद और 3 वर्ष तक 2021 तक जन्मदिन और अभिनंदन समारोह का कोई आयोजन नहीं किया गया, अचानक 2022 में अभिनंदन समारोह और जन्मदिन का इतना भव्य कार्यक्रम रखा जाना क्या राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के कदमों को छत्तीसगढ़ में आगे पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा आगे बढ़ाया जायेगा, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन हमें किसी निर्णय का इंतजार करना होगा।

जब बात छत्तीसगढ की हो तो 15 वर्ष के बाद सत्ता में आई कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बिना ये समाचार अधूरा रह जाता है।’पहल ‘ ने कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला से जब इस विषय पर बात की तो उन्होंने कहा कि
“छत्तीसगढ़ रमन के शोषण से 15 साल बदहाल हो गया था ।15000 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुये।आदिवासी बेमौत मर रहे थे धरती का स्वर्ग नक्सगढ़ बना तो रमन सिंह की अकर्मण्यता थी ।
शांत ,सभ्य, सौम्य छग की जनता ने अपने शोषण के खिलाफ जब आवाज़ उठाई तो रमन सिंह 14 सीट पर सिमट गए ।यह उस अहंकार का नतीजा था जो 15 सालों की सत्ता के बाद रमन में आ गया था 36000करोड़ का नान घोटाला ,पुत्र अभिषेक का पनामा में नाम छग के साथ धोखा ही था जिसे छग के लोगो ने 2018 में नकार दिया था।”

डाॅक्टर रमन सिंह पर बनाया गया वीडियो जिसमें मैं रमन का छत्तीसगढ दिखाया गया है।इसमें है कि मैं आज जो कुछ भी हूं प्रिय डाॅक्टर साहब की वजह से हूं।

वैसे ये छत्तीसगढ जब बना तो मुख्यमंत्री अजीत जोगी बने।यदि VISON की बात की जाए तो अजीत जोगी जैसा व्यक्ति खोज पाना मुश्किल है।वहीं जब विद्याचरण शुक्ल जैसे कद्दावर कांग्रेस के नेता ने कांग्रेस से अलग अपनी पार्टी बनाई तब कहीं जाकर भाजपा को सत्ता हासिल हुई।इसके बाद समीक्षकों और दिग्गजों की मानें तो 2008 और 2013 के चुनाव में भी भाजपा को जोगी के नाम के सहारे जीत मिली। लेकिन 2018 में जैसे ही कांग्रेस अजीत जोगी से पूरी तरह से मुक्त होकर लड़ी वैसे ही भाजपा की शर्मनाक हार हुई जिससे भाजपाई अभी तक सदमे में हैं।

यहां वीडियो में मैं रमन का छत्तीसगढ ये अहंकार को प्रदर्शित कर रहा है।जबकि यदि भूपेश बघेल की बात की जाए तो भूपेश बघेल की कुछ योजना जो बनाई गई उसकी तारीफ केंद्र सरकार भी कर रही है।

संभवतः डाॅक्टर रमन सिंह जैसे गंभीर चेहरे पर ये वीडियो कतई जंचता नज़र नहीं आ रहा है।

ये छत्तीसगढ ‘हम सबका छत्तीसगढ’ है ये यदि किसी नेता के मुंह से निकले तो ही अच्छा लगता है।

वैसे भी भाजपा के संगठन में इस तरह की गुटबाजी का संकेत देना अपने कद को कम करना ही माना जाता है। इसके तमाम उदाहरण भरे हुए हैं।

बहरहाल डाॅक्टर रमन सिंह जी को’पहल’ की ओर से जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें।

By admin

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