इस्राइल की खुफिया एजेंसी के गुप्त और स्पेशल ऑपरेशन पर लिखी किताब भी मिले थी छापेमारी मे
नीरज बवाना सहित कई अज्ञात गैंगस्टर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi police’s Special cell ) द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाते हुए एनआईए द्वारा उस मामले को टेकओवर किया गया था ।
पिछले महीने सितंबर में एनआईए के द्वारा गैंगस्टर से लेकर कई विदेशी आतंकियों के बीच आपसी कनेक्शन मामले में नीरज बवाना (Neeraj Bawana ) ,गैंगस्टर भूपेंद्र सिंह (Gangster Bhupendra singh ) ,गैंगस्टर कौशल उर्फ नरेश चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली-एनसीआर समेत राजस्थान ,हरियाणा ,पंजाब के कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था , उसके बाद उनलोगों से विस्तार से पूछताछ करने के बाद जांच एजेंसी को कई अन्य सामने आई थी, जिसके बाद मंगलवार 18 अक्टूबर को एनआईए द्वारा कई आरोपियों और उन गैंगस्टर को मदद करने वालों के खिलाफ छापेमारी और आगे की तफ़्तीश की जा रही है । एनआईए के सूत्रों के मुताबिक पिछली बार की गई छापेमारी के दौरान कई कैसे सबूत और साहित्यिक दस्तावेजों को भी मौके से बरामद किया गया था ,जिसे देखकर जांच एजेंसी के अधिकारी आश्चर्यचकित हो गए थे ,क्योंकि गैंगस्टर नीरज बवाना के लोकेशन से विदेशी खुफिया एजेंसी मोसाद के कई गुप्त ऑपरेशन ( Mossad is the national intelligence agency of Israel )पर लिखी गई किताबों समेत अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। यानी ये मामला भी सामने आया था कि जांच एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों के काम करने के पैटर्न को समझने का प्रयास भी कुछ गैंगस्टर द्वारा किया जाता रहा है।
तय है कि भारत में फल फूल रहे ये बड़े गैंगस्टर की कमर एनआईए के द्वारा तोड़ी जा रही है।मगर सवाल ये भी उठता है कि इन राज्यों में जब गैंगस्टर इतने सुनियोजित तरीके से साजिश कर रहे थे तो वहां का यानि राज्य का खुफिया विभाग आखिर किस गहरी नींद में सोया था।
जाहिर है कि इन गैंगस्टरों को संरक्षण देने वाले कई सफेद पोश भी अब बेनकाब होंगे।