सरगुजा पुलिस जैसे ही कोई अभियान की शुरुआत कर अपनी पीठ थपथपाती है वैसे ही कुछ ऐसा घट जाता है कि वो अभियान में लगे अधिकारियों के खुद के फिटनेस पर सवाल खड़ा कर देता है।यहां तक कि सूबे के मुखिया भूपेश बघेल स्वयं अधिकारियों को गश्त करने के सख्त निर्देश दिए हैं मगर यहां गश्त पुलिस ही खा जा रही है।शहर के लोग हलाकान हैं कि आखिर जब खुलेआम तीन सवारी और नशेड़ी तत्व पर ही पुलिस का खौफ नहीं है तो चोर उचक्के के लिए ये शहर अब सुरक्षित हो रहा है और आमजन के लिए असुरक्षित।
आज दिन में-सरगुजा पुलिस की एक अभिनव पहल से आज आई मंथन योजना की शुरुआत की गई है।जिसमे 24 से अधिक वालेंटियर की भर्ती कर जिले में पुलिस विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सुचारू रूप से संचालन करने की जिम्मेदारी शहर के युवाओं को दी गई है। जिसमें सरगुजा पुलिस द्वारा चलाई जा रही नवा बिहान के तहत नशा मुक्ति अभियान, लोगो को फिट रखने के लिए फिटकॉप-फिटसिटी ,साइबर क्राइम की गतिविधियों पर नजर सहित सरगुजा पुलिस द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की देखरेख 24 से अधिक वॉलिंटियर के निगरानी में काम के लिए सहयोग की ‘भावना’ पर है। मगर ये क्या आज एक ओर जोर शोर से कार्यक्रम का प्रचार हुआ वहीं आज अंबिकापुर के गांधीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत ज्वेलरी शॉप में शातिराना अंदाज से 3 महिलाओं द्वारा उठाई गिरी करने का मामला सामने आया है।दअरसल अंबिकापुर के गांधीनगर थाना क्षेत्र स्थित एक ज्वेलरी शॉप में 3 महिलाएं पहुंचती हैं और दुकानदार से सोने के कान दिखाने को कहती है. जिसके बाद दुकानदार एक के बाद एक सोने के कान का दिखाने लगता है।
इधर दुकान में पहुंची 3 महिलाएं देखते ही देखते पीछे वाली महिला को सोने के सामान को देते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाती है. वही कुछ देर बाद तीनों महिलाएं कुछ सामान खरीदारी कर वहां से चली जाती है. जिसके बाद दुकानदार को सामान के मिलान के दौरान शक होने पर सीसीटीवी कैमरे में चेक करता है तो उस सीसीटीवी वीडियो में साफ तौर पर सामने खड़ी महिला पीछे वाली महिला को एक के बाद एक सोने के सामान देते हुए दिखाई देती है. इसे देख दुकानदार ने तत्काल गांधीनगर थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है. वही दुकानदार ने बताया कि डेढ़ लाख से 2 लाख के बीच की उठाई गिरी की गई है. वहीं पुलिस ने तीनों महिलाओं के खिलाफ चोरी का अपराध दर्ज कर पतासाजी में जुट गई है।
वहीं लोग अंदर ही अंदर कह रहे हैं कि अब सरगुजा ज़िले को किसी सक्रिय और संवेदनशील पुलिस अधिकारी की सख्त ज़रूरत महसूस हो रही है।