सरगुजा की जनता के लिए सबसे बड़ा अभिशाप यहां के निष्क्रिय राजनेता हैं।आज भी आप सरगुजा ज़िले के मुख्यालय अंबिकापुर से किसी भी ओर चले जाईए सड़कों पर आपकी गाड़ियां ऐसे हिचकोले लेंगी जैसे आप लग्जरी गाड़ी पर न बैठकर बैलगाड़ी पर बैठे हों।
अंबिकापुर -पत्थलगांव नेशनल हाईवे 43 सड़क का आज खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कलेक्टर कुंदन कुमार के साथ खराब सड़क का निरीक्षण किया। दअरसल पिछले 7 सालों से निर्माणाधीन अंबिकापुर-पत्थलगांव नेशनल हाईवे सड़क का 400 करोड़ से अधिक की राशि से निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क को बनाने वाली 3 कंपनियां काम को छोड़कर चली गईं।यही वजह रही कि सड़कों का काम अबतक पूरा नही किया जा सका है। इसी को देखते हुए आज मंत्री,कलेक्टर सहित जिले के तमाम अधिकारी आज सड़क का निरीक्षण करने निकले।इस दौरान देखा कि इस खराब सड़को में राहगीरों को चलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. इधर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जो ठेकेदार के द्वारा काम किया जा रहा था वे छोड़ कर चले गए हैं। वहीं अभी तीन महीने पहले ही यहां आए कलेक्टर के माध्यम से केंद्र सरकार के अधिकारियों से बात की जा रही है कि किसी दूसरे ठेकेदार को काम देकर फिर से काम को शुरू किया जाएगा और आने वाले समय मे जल्द ही सड़क का निर्माण हो सकेगा।
सबसे गंभीर प्रश्न तो ये है कि आखिर जब चुनाव के मुश्किल से एक साल बचे हैं तब मंत्री अमरजीत भगत को ये सड़क याद आई।
वैसे ये सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग है और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के नितिन गडकरी अपने विभाग के कामों को करने में बेहद सजग रहते हैं।
दुर्भाग्य देखिए कि सरगुजा ज़िले से ही दो मंत्री टीएस सिंह देव और अमरजीत भगत हैं। इनके साथ सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह हैं मगर इन सबने जनता के हित में दमदार तरीके से खड़ा होने का साहस किया होता जो कि इनका कर्तव्य है तो आज सरगुजा की दिशा और दशा कुछ और ही होती।
वास्तविकता यही है कि सरगुजा की जनता के पास कोई भी दमदार जननेता ही नहीं है जो इनके चहुंमुखी विकास के लिए निस्वार्थ भाव से कर्म करने वाला कर्मयोगी सिद्ध हो सके।