भारतीय पर्व में लोक मान्यता का प्रावधान होता है।दीपावली के अगले दिन यानि आज सूर्य ग्रहण भी है। सुबह ब्रम्ह मुहूर्त में 4 बजे से ही सूतक काल लग चुकि है। छत्तीसगढ में भी दीपोत्सव धूम धाम से मनाया गया। सरकार ने किसानों के खाते में राजीव गांधी न्याय योजना के तहत धन वर्षा के बाद बताया कि दीपावली में बाज़ार में रूपए का प्रवाह देखने को मिला है।
प्रत्येक वर्ष की भांति छत्तीसगढ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो कि लोक मान्यताओं पर अपना समय पूरे उत्साह के साथ लोगों के बीच जाकर व्यतीत करते हैं।आज भी गए पूजा की।
*मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौरा-गौरी की पूजा कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की*
*प्रदेश की खुशहाली के लिए मुख्यमंत्री ने अपने हाथों में सहा सोंटे का प्रहार*
*हर साल मुख्यमंत्री श्री बघेल आते हैं जजंगिरी*
*लोक मान्यता है कि ऐसे प्रहार सहने से अनिष्ट नष्ट होते हैं*
रायपुर, 25 अक्टूबर 2022, हमेशा की तरह परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के ग्राम जजंगिरी पहुंचे। यहां उन्होंने गौरा गौरी पूजा की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की ।
इस मौके पर वीरेंद्र ठाकुर ने मुख्यमंत्री के हाथों पर परंपरा अनुसार सोंटे से प्रहार किया। लोक मान्यता है कि गौरा गौरी पूजा के मौके पर सोंटे से किए जाने वाले प्रहार से अनिष्ट टलते हैं और खुशहाली आती है। मुख्यमंत्री प्रदेश की खुशहाली की कामना के लिए हर साल इस लोक अनुष्ठान में हिस्सा लेते हैं।
जजंगिरी पहुंचकर मुख्यमंत्री ने लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दीप पर्व आप लोगों के जीवन को इसी तरह जगमग करता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बार आप लोगों के बीच आकर मुझे बहुत खुशी महसूस होती है और दिवाली का आनंद आप लोगों के साथ साझा कर मन हर्षित हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लोगों के साथ
गौरा गौरी की पूजा का आनंद और भी बढ़ जाता है। गौरा गौरी के साथ भ्रमण करते हैं कितनी सुंदर परंपरा है। त्योहार की खुशियों के साथ आप सबके जीवन में हमेशा सुख समृद्धि रहे, यही कामना है।
मगर अब कई लोग और राजनीतिज्ञ ही ये कह रहे हैं कि आज सूर्यग्रहण है और सूतक 12 घंटे पहले ही लग जाता है ऐसे में गोवर्धन पूजा भी कल करनी थी।
बहरहाल ईडी बम के धमाके से छत्तीसगढ दीपावली के पहले से दहल रहा है ऐसे में अब ये देखना होगा कि ‘सूर्य ग्रहण के दिन सूतक काल में ये सोंटे का 5 प्रहार कितने अनिष्ट को दूर करेगा।’
धार्मिक मान्यताओं के साथ साथ कुछ अधिकारी कर्मचारी तो ये कहने लगे हैं कि सूर्य ग्रहण में सूतक काल में ये आयोजन न करके कल करना था।
मान्यतायें आज भी गांव गांव तक प्रचलित हैं और इनका आनंद ही भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है। ग्रहण में सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं,इसलिए आज अमावस्या ही चल रही है।ऐसे में छत्तीसगढ में गोवर्धन पूजा का मुहूर्त आज किसने निकाल दिया वो भी सूतक काल में इसे लेकर कई लोग आश्चर्य चकित भी हैं।अब देखना ये है कि राज्य के कद्दावर लोगों के लिए सबसे बड़ा अनिष्ट तो अभी’ ईडी बम’ ही बना हुआ है।अब इसके प्रहार की चपेट में अगला नंबर किसका किसका है ये चर्चा का विषय है।