जबसे छत्तीसगढ में कांग्रेस आई,भाजपा में मुसीबत छाई। लोग कह रहे सड़क पर संघर्ष करो भाजपाई भाई।
26/10/2022

रायपुर :
ज़मीन पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों (यदि दिख रहा है तो) का विरोध तुरंत प्रारंभ करें, चुनाव सिर्फ 13 माह बचे हैं आचार संहिता के डेढ़ महीने और 4 महीने बरसात के छोड़ दें तो केवल साढ़े छ: महीने ही बचे हैं। ये साढ़े छ: महीने ही जनता की समस्याओं को लेकर सड़क पर संघर्ष करने का समय है।
केन्द्रीय नेतृत्व का संदेश
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व नई दिल्ली में 6 पंडित दीनदयाल मार्ग केंद्रीय भाजपा कार्यालय में बैठे नेताओं ने छत्तीसगढ़ के स्थापित नेतृत्व को संदेश पहुंचा दिया है, अब ज़िले से लेकर प्रदेश तक में होने वाली बैठकों पर विराम लगाना चाहिए और सड़क पर संघर्ष प्रारंभ होना चाहिए।
खुफिया रिपोर्ट ( आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर जा रही रिपोर्ट )
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंची खुफिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ में सक्रिय हो चुकी है। जनता की समस्या को लेकर आंदोलन कर रहे हैं सिर्फ हम (भाजपा) बैठकों में व्यस्त हैं।
मीडिया में अनर्गल बात ना करें
केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ भाजपा नेतृत्व एवं प्रमुख नेताओं को संदेश दिया है कि छत्तीसगढ़ में ईडी जो कार्यवाही कर रही है उस बात को लेकर अनावश्यक मीडिया से चर्चा ना करें, नई दिल्ली सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इससे भी जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है।गौरतलब है कि विगत दिनों ईडी की कार्यवाही को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीधे तौर पर घेरा था जिस पर भूपेश बघेल ने तीखा पलटवार कर न्यायालय में मानहानि के केस या माफी मांगने की बात तक कह डाली थी।कुछ दिग्गज राजनेता और संगठन के लोग छत्तीसगढ में भाजपा के बड़े नेताओं को स्पष्ट और कड़ा संदेश दे चुके हैं कि वो अनर्गल बयान से ऊपर उठकर जनता जनार्दन के बीच जायें। अपने बंगले में बैठकर प्रेस कांफ्रेंस की जगह ज़मीनी स्तर पर काम करने की सीख भी दी है।
भाजपा आईटी सेल को रिपोर्टिंग
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में बनाया गया आईटी सेल, जिसके पास छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्र और 11 लोकसभा क्षेत्र के डाटा मतदान केंद्र तक का उपलब्ध है और वह सीधे पन्ना प्रमुख से लेकर मतदान केंद्र प्रमुख तक मोबाइल से पार्टी की गतिविधियों के बारे में जानकारी ले रहे हैं।इतना ही नहीं उनकी ज़िला कमेटी उनके ज़िला अध्यक्ष किस तरह सक्रिय हैं उसके बारे में भी गहरी पूछताछ की जा रही है।
इसको लेकर प्रदेश के अधिकांश ज़िला अध्यक्षों में भय व्याप्त हो गया है।

हाल ही में कुछ ज़िलाध्यक्ष को हटाया गया है वहीं कुछ को अल्टीमेटम देकर अपने काम काज को सुधारने के निर्देश भी दिए गए हैं।देखना ये है कि इन ज़िलाध्यक्षों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है या इनमें से भी कुछ को हटाकर नए दमदार चेहरों को जगह दी जाती है।
बिलासपुर में महिला भाजपा का प्रदर्शन
27 अक्टूबर को बिलासपुर में शराबबंदी और अन्य बिंदुओं को लेकर महिला मोर्चा का विराट प्रदर्शन होने जा रहा है, उसमें संख्या बल पर विशेष ध्यान देने का निर्देश भी दिया गया है।

अब देखना यह होगा कि दीपावली का त्यौहार तो संपन्न हो चुका है छत्तीसगढ़ भाजपा की प्रदेश और जिला कमेटी जनता के हित में उनकी समस्याओं को लेकर सड़क पर कब संघर्ष करने उतरेंगे।
विधानसभा उपचुनाव
आगामी मार्च या अप्रैल में विधानसभा उपाध्यक्ष मंनोज मंडावी के निधन से खाली हुई भानुप्रतापपुर में उपचुनाव होंगे, छत्तीसगढ़ भाजपा को अपना दम दिखाने का एक अंतिम मौका मिल रहा है, भूपेश बघेल की नीतियों में यदि कमजोरी दिख रही है तो पहले भानुप्रतापपुर विधानसभा से शुरू करें।

वहीं छत्तीसगढ की विधान सभा सीटों से हर उन लोगों पर संगठन कड़ी निगाह बनाए हुए है जो टिकट की चाह में बड़े नेताओं और रायपुर का चक्कर लगाने में लगे हुए हैं।विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो भाजपा सरकार के समय बड़े मंत्रियों,सांसदों के आवास पर,उनसे मिलने जुलने वालों पर और आपसी सुगबुगाहट की हर एक ख़बर संगठन तक प्रमाण के साथ पहुंच रही है।

By admin

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