29 अक्टूबर ईडी के न्यायालय में सरगर्मी तेज हो गई। जिसकी तलाश ईडी को थी वह न्यायालय में सरेंडर करने पहुंच गया।
शनिवार वैसे यह दिन काफी चिंताजनक रहता है क्योंकि शनि भगवान को मनाने का सभी प्रयास करते हैं।कारण कि ये न्याय के अधिष्ठाता हैं।देखना ये है कि शनि देव अब छत्तीसगढ में किस किसको अपनी न्याय की चक्की में पीसेंगे।
बहु चर्चित कोरबा,रायगढ़,सूरजपुर,चांपा जांजगीर के शहंशाह रहे सूर्यकांत तिवारी जिसने आज सरेंडर किया, कोयला के सेवा शुल्क जो ₹25+ ₹5 नियम विरुद्ध कोयला ट्रांसपोर्टिंग के मामले में वसूली की जा रही थी जैसे की चर्चा है पिछले साढे 3 वर्षों से उसकी और अन्य उपरोक्त जिलों से डीएमएफ और सीएसआर फंड की जांच ईडी द्वारा की जा रही है। जिसमें एक आईएएस और सूर्यकांत के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल को लंबी पूछताछ के बाद जेल दाखिल कर दिया गया।
मामला करोड़ों के घोटाले का बताया जा रहा है। मामला मनी लॉन्ड्रिंग का बताया जा रहा है। मामला कोरबा से रायपुर और रायपुर से बेंगलुरु होते हुए मुद्रा का नई दिल्ली पहुंचने का भी है उसके भी सूत्र ईडी के हाथ लग चुके हैं अब रायपुर के वीआईपी रोड के बड़े पाॅश एरिया से लेकर शंकर नगर,सिविल लाइन,देवेंद्र नगर में हलचल तेज हो गई है। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि जैसे यह खबर आग की तरफ फैली और प्रदेश के ज़िलों में पहुंची उससे सत्ता पार्टी के भी कुछ विधायकों समेत कुछ भाजपाईयों के मोबाइल भी खनखनाने लगे हैं और वह राजधानी रायपुर में अपने संपर्क सूत्र से पूछताछ करने लगे कि आखिर क्या हो रहा है।
हलचल बहुत तेज है एडीजे कोर्ट में तथाकथित सूर्यकांत तिवारी ने सरेंडर जरूर कर दिया है ईडी की टीम भी वहां पहुंच चुकी है लेकिन उन्होंने न्यायालय में आपत्ति दर्ज कराई है कि हमें सूर्यकांत तिवारी की आवश्यकता होगी तो हम उन्हें समन भेजेंगे और बुलाएंगे ईडी के कार्य प्रणाली में सरेंडर का कोई प्रावधान नहीं है ईडी के वकीलों ने न्यायालय में अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है अब न्यायालय इस पर क्या निर्णय देता है उसका इंतजार रहेगा।
लेकिन सूर्यकांत तिवारी के सरेंडर करते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में हलचल तेज हो गई है पता नहीं किस के मुंह में कौन सी कालिक उठेगी उसका हमें इंतजार रहेगा लेकिन राजधानी रायपुर में कोयले की अंगीठी गर्म हो चुकी है।
अंततः न्यायाधीश श्रीमान अजय सिंह ने 12 दिन की रिमांड का निर्णय सुनाया है।