छत्तीसगढ में आज स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव का शुभारंभ हुआ। रायपुर समेत ज़िला मुख्यालयों पर ये कार्यक्रम चल रहा है।

अम्बिकापुर में आयोजित राज्योत्सव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर जमकर खरी खोटी सुनाई।वहीं कॉंग्रेसियो ने कहा कि स्थानीय विधायक व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का एक बार भी नाम नही लिया गया। साथ ही प्रदेश स्तर के नेताओ को मंच पर जगह भी नहीं दी गई।

वहीं प्रशासन और कांग्रेस के नेताओ के बीच भी बहस भी देखने को मिली. इधर कांग्रेस पदाधिकारीयों ने प्रोटोकाल पालन नही करने का भी आरोप लगाया गया. वही राज्योत्सव में पहुंचे मुख्य अतिथि के तौर पर संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े से मीडिया ने सवाल किया तो एक मिनट से अधिक चुप रहे. फिर वही चुप्पी साधते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है,बाकी पार्टी की बात है इसे सुलझा लिया जाएगा. वही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के करीबी विधायक माने जाने वाले डॉक्टर प्रीतम राम ने कहा कि हमें अगर इस तरह की सूचना होती तो हम तत्काल बैठने की व्यवस्था करवाते. लेकिन सब चले गए हैं तो हम अब आपस में ही चर्चा कर नाराजगी को दूर करने की पहल की जाएगी।लेकिन डाॅक्टर प्रीतम राम भी सिंहदेव और इनके समर्थकों के पक्ष में न बोलकर अप्रत्यक्ष तौर पर सिंहदेव खेमे से दूरी बनाते दिखे।वैसे ये पहली मर्तबा नहीं है कि टीएस सिंह देव के समर्थकों की उपेक्षा पहली बार हुई हो, इसके पूर्व में भी हुए राज्योत्सव में भी यही हाल देखने को मिला था।

आज स्थिति ये है कि अपने गृहक्षेत्र में ही टी एस सिंहदेव और इनके समर्थक कांग्रेस के लिए बेगाने हो चुके हैं।

टी एस सिंहदेव के समर्थक माने जाने वाले विधायक पारसनाथ राजवाड़े ने पलटी मारी।कुछ भी बोलने से बचे।

आलोक सिंह पूर्व अध्यक्ष एन एस यू आई

डाॅक्टर प्रीतम राम भी टी एस सिंहदेव के समर्थक के पक्ष में नहीं बोले।
प्रशासन के अधिकारी से तल्खी से बातचीत करते कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी।

स्थिति ये थी कि एक कांग्रेस के नाराज़ कार्यकर्ता ने तो यहां तक कह दिया कि पाठक जी ( बालकृष्ण पाठक ) और महापौर मंच पर क्यों बैठे हों।

वहीं एक ने तो कह दिया कि चोर और दलाल बैठे हैं।

कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता तो जमकर खरी खोटी सुनाए।

बहरहाल टी एस सिंहदेव को उनके गृहनगर में ही बेगाना बनाकर उन्हें हर तरह से किनारे किया जा रहा है।

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