ब्रेकिंग न्यूज आखिरकार छत्तीसगढ में आदिवासी समाज के आरक्षण का मुद्दा अब गरमा चुका है।
भूपेश बघेल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दो दिवसीय विशेष सत्र के लिए विधान सभा अध्यक्ष चरण दास महंत को प्रस्ताव भेज दिया है।
आखिर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के पत्र का असर हुआ और उनके सुझाव को छत्तीसगढ़ सरकार ने मान ही लिया।
छत्तीसगढ़ में लगभग कांग्रेस और भाजपा की गले की फांस बनी आदिवासी आरक्षण जो उच्च न्यायालय बिलासपुर के एक आदेश से 32% से घटकर 20% हो गया इस बात को लेकर भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार की लापरवाही के कारण आदिवासियों को नुकसान हुआ इसको लेकर आदिवासी मोर्चा जो भाजपा का है आज 9 नवंबर को पूरे प्रदेश में आंदोलन करने जा रही है।
राज्यपाल के पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आमंत्रित करने के लिए फाइल आगे बढ़ा दी है सूत्र यह बता रहे हैं कि यह फाइल बहुत जल्द अनुमोदन के लिए राजभवन पहुंच जाएगी और आदिवासी आरक्षण को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आमंत्रित कर लिया जाएगा।
कांग्रेस का आरोप है कि डॉ रमन सिंह की भाजपा की सरकार ने गृहमंत्री ननकीराम कंवर और मुख्य सचिव के नेतृत्व में अलग-अलग समिति बनाकर उनसे रिपोर्ट मांगी थी दोनों ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी लेकिन सरकार ने न्यायालय में उस रिपोर्ट की अनुशंसा को शपथ पत्र के साथ दायर ही नहीं किया जिसके कारण आदिवासी आरक्षण के मामले में उच्च न्यायालय बिलासपुर को 32% से घटाकर 20% करने का आदेश जारी करना पड़ा अब विधानसभा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर होगा देखना यह है कि भारी कौन पड़ेगा।