स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की भव्य मूर्ति का अनावरण।

जशपुर में आज संघ प्रमुख के लिए ऐतिहासिक भीड़ उमड़ पड़ी।जहां तक लोगों की नज़र गई वहां वहां भगवा ही दिखाई दिया।इस पर भी सबसे बड़ी बात ये कि इतने लोग स्वस्फूर्त पहुंचे।

दो शब्द से बना ‘संघ’ कितना शक्तिशाली है इसका नजारा आज जशपुर में देखने को मिला। 70,000 ( सत्तर हज़ार ) से भी अधिक लोग आज संघ प्रमुख के कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ पहुंच कर एक कीर्तिमान बना दिए।

आसपास से दूर दराज से हर वर्ग के लोग पूरे उत्साह से मोहन भागवत के कार्यक्रम में पहुंचे।

मोहन भागवत ने अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।बिरसा मुंडा को भगवान कहकर संबोधित किया।

स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और इनकी पत्नी हिना जूदेव के साथ संघ प्रमुख।

मोहन भागवत ने अपनी संस्कृति और धर्म को पहचानने की बात कही, कई उदाहरण भी दिए।साथ ही कहा कि आपके बीच आकर लगता है कि अपनों के बीच हूं।बचपन सा लगता है आपके बीच आना।

हमें धर्म,संस्कृति,समाज व गौरव की रक्षा करनी है।

हमारे भोलेपन का लाभ उठाकर ठगने वाले दुनिया में बहुत हैं पर हम मजबूत हैं तो क्या होगा।हम मजबूत रहें।
स्वस्फूर्त ऐतिहासिक भीड़।ये है संघ प्रमुख की ताकत जिसका साक्षी बना जशपुर।

मोहन भागवत के कार्यक्रम में इनके मंच पर मात्र संघ से जुड़े लोग व वनवासी कल्याण आश्रम के ही प्रमुख मौजूद थे।इसमें स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के भतीजे रणविजय सिंह जूदेव और स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव की उपस्थिति भी थी।

वहीं छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह समेत कई दिग्गज पूर्व मंत्रियों सांसद समेत अन्य को दूसरे मंच पर ही जगह मिल पाई।

संघ प्रमुख की हस्ती क्या है ये जनजातीय गौरव समाज के कार्यक्रम के बाद तब देखने को मिला जब छत्तीसगढ में भाजपा सरकार के समय तीनों कार्यकाल में लगातार कद्दावर मंत्री रहे एक महाशय संघ प्रमुख के कमरे में जाने की कोशिश किए मगर उन्हें वहां घुसने तक नहीं दिया गया।कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भूतपूर्व मंत्री महोदय का खिसियाया चेहरा देखते ही बन रहा था।

संघ प्रमुख ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन और स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण एक ही दिन एक संयोग है।दिलीप सिंह जी ने सदैव जनजातियों के लिए संघर्ष किया।मैं भी उनके साथ कार्यक्रम में रहा हूं उनसे चार पांच बार मुलाक़ात भी हुई है।

जनजातियों के गौरव को सबको समझना होगा।

अब आज संघ प्रमुख का अंबिकापुर में पथ संचलन का कार्यक्रम है जिसे संघ करवा रहा है। इसकी भी वृहद तैयारी है।

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