सरगुजा संभाग के सरगुजा ज़िले से यहां की ध्वस्त हो चुकी और पूरी तरह से दीमक लग चुकी शिक्षा व्यवस्था कैमरे पर कैद हुई है।

जिन छोटे बच्चों के हाथ में कापी कलम होनी चाहिए उनके हाथ में कुदाल और मकान बनाने के औजार हैं।

इस पर भी ज़िले के शिक्षा अधिकारी का भरपूर बेशर्मी वाला बयान कि जांच के लिए निर्देशित किया गया है।

ये सब ये समझने को पर्याप्त है कि यहां शिक्षा विभाग में शिक्षा देने की बातें धीरे धीरे बेमानी होती जा रही हैं वो भी तब जब भूपेश बघेल स्वयं बच्चों के स्कूलों को लेकर सजग और गंभीर हैं।

हद तो ये है कि शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम इसी संभाग के हैं साथ ही दो अन्य कद्दावर मंत्री अमरजीत भगत और टी एस सिंहदेव इसी ज़िले के।

देखिए पूरा वीडियो।नौनिहालों के हाथ में कुदाल और खुरपी।
विद्यालय के प्रधान पाठक विलियम तिर्की कैमरे से बचते हुए।
ये हैं संजय गुहे।काश हर व्यवस्था पर इनकी नज़र होती और गंभीर होते तो अब संज्ञान की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।

सरगुजा जिले के मैनपाट विकास खंड में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहाँ जनपद मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक शाला स्कूल दातीढाब में नौनिहालों को राजमिस्त्री के तौर पर श्रमिक कार्य लेबर, कुली बनाकर स्कूल का कार्य कराया जा रहा है. वहीं सबसे बड़ी बात है कि शासकीय प्राथमिक स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए बच्चों से काम करवाया जा रहा है। जब इस मामले को लेकर मौजूद प्रधानपाठक विलियम तिर्की सवाल किया गया तो कैमरे से भागते हुए नजर आए. इधर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ संजय गुहे ने बताया कि यह बात सामने आई है कि स्कूल में बच्चों से किसी तरह का कार्य करवाया जा रहा था. जिसकी जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है. आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद करने की बात कही है।

सरगुजा शिक्षा विभाग की असलियत।

इन तस्वीर को देखकर सरगुजा के शिक्षा विभाग की अकर्मण्यता को आसानी से समझा जा सकता है।

सरकार को मामले में आर्थिक अपराध की जांच करवानी चाहिए जिससे इस भ्रष्टाचार में संलिप्त लोग बेनकाब हो सकें।

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