अंबिकापुर सरगुजा ज़िले का मुख्यालय। स्वच्छता में कभी देश के लिए रोल मॉडल बना ये शहर अब भ्रष्टाचार के लिए और सड़ांध मार रही व्यवस्था के लिए भी धीरे धीरे रोल मॉडल बनता जा रहा है।

अधिकारियों की निरंकुशता का आलम ये है कि सूबे के मुखिया भूपेश बघेल की सख्त चेतावनी के बाद भी इन्हें कोई खौफ़ नहीं रह गया है।जबकि भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के बाद सड़कों की गुणवत्ता और सड़क निर्माण में लापरवाही पर लोक निर्माण विभाग के ईएनसी भटपरी को मुख्यमंत्री ने हटाकर कड़ा संदेश दिया था।

मगर इन भ्रष्टाचारियों की हिम्मत देखिए कि अंबिकापुर बनारस रोड जिसमें अंबेडकर चौक से लेकर आगे तक रिपेयरिंग कर सड़क दुरूस्त की जा रही है इसमें गुणवत्ता का हाल क्या है ये आप कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के बनाए वीडियो से देख सकते हैं।

ऊंगलियों से ही खोदी जा सकती है ये सड़क।
सुजान बिंद सामाजिक कार्यकर्ता। भ्रष्टाचार का जीवंत प्रमाण दिखाते हुए।

इस वीडियो को डॉ गहरवार बना रहे हैं.
दवा विक्रेता संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल सड़क को उंगली से खोद कर रहे हैं।
साथ में सामाजिक कार्यकर्ता सुजान बिंद हैं।अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इसके वायरल होने के बाद अंबिकापुर के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की आंखें नींद से अब खुलीं।मामला गंभीर है इसे देखते हुए मजबूरी में ठेकेदार को सड़क खोदकर दुबारा बनाने के आदेश दिए जाने की बात लोक निर्माण विभाग के ईई वीरेंद्र सिंह बेदिया कह रहे हैं।

हद है ये सब कुछ आमजन की आंखों के सामने हो रहा है और उस पीजी काॅलेज ग्राऊंड के बगल वाली रोड पर हो रहा है जहां नेताओं,मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर आकर खड़ा होता है और वो सब वीआईपी इन्हीं सड़कों से होकर शहर में आते हैं।कहीं ऐसा न हो कि नेताओं को ज़मीन पर उतारने के लिए पीजी काॅलेज मैदान पर बन चुका हैलीपेड जब इन्हें ज़मीन पर उतार कर सड़कों के माध्यम से लोगों के बीच लाए तो ये नेता व मंत्री सीधे ज़मीन पर ही हमेशा के लिए नज़र आने लगें।

ज़िले के तथाकथित कद्दावर मंत्रियों को आमजन की परेशानी से कुछ लेना देना नहीं है।वहीं भाजपा के तथाकथित नेता ज़मीन पर संघर्ष करने की बजाय अपनी टिकट के लिए ही दिन रात एक किए हुए हैं।

कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की ‘पहल’ ने भ्रष्ट तंत्र को आईना दिखाने का जो काम किया है लोग उसकी तारीफ़ कर रहे हैं।

By admin

You missed