रायपुर में आज छत्तीसगढ भाजयुमो के लगभग 35 हजार कार्यकर्ताओं ने भूपेश सरकार के विरोध में दमदार प्रदर्शन किया।

कई कार्यकर्ताओं को रायपुर से बाहर ही रोक दिया गया था जिससे अधिक भीड़ न दिखे लेकिन विगत दो दिनों से ही भाजयुमो के कार्यकर्ता रायपुर आना शुरू कर दिए थे।

आज कुछ कांग्रेस के लोग भी दबे स्वर में बोलते दिखे कि आज का प्रदर्शन अब राज्य की सरकार को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।

एक लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य था पर आधे के लगभग भी नहीं आ पाए क्योंकि जगह जगह बैरिकेडिंग कर कई कार्यकर्ताओं को राजधानी में ही नहीं आने दिया गया।

भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कर्नाटक के सांसद तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में ये प्रदर्शन ये साबित कर रहा है कि छत्तीसगढ में कोई भी भाजपा का ऐसा युवा चेहरा नहीं है जिसके नेतृत्व में प्रदर्शन किया जा सके।वहीं पूरे कार्यकर्ताओं का न जुट पाना भी केंद्रीय संगठन के लिए ये सोच का विषय है कि छत्तीसगढ में पूरी तरह से नए और ऊर्जा से भरपूर चेहरों को सामने लाना ही अब भाजपा के लिए कारगर उपाय होगा।

आज प्रदर्शन के बाद भी यही चर्चा होती रही कि कम से कम आज विरोध प्रदर्शन तो हुआ,लेकिन इस विरोध प्रदर्शन से कई आत्ममुग्ध भाजपा नेताओं की काबिलियत का अंदाज़ भी भाजपा के संगठन ने लगा लिया है।

पूरे प्रदर्शन की मानिटरिंग कुशाभाऊ ठाकरे परिसर से क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जमवाल और डी पुरंदेश्वरी कर रहे थे।

सूत्रों की मानें तो अजय जमवाल की इस रणनीति से भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार भी हुआ है वहीं कई भाजपा के नेताओं की वास्तविक पकड़ का अंदाज़ भी लग चुका है कि यहां पिछले चुनाव में भाजपा की करारी हार क्यों हुई थी।

लौटते समय रात में भी रायपुर रेल्वे स्टेशन पर भी कई कार्यकर्ताओं ने जमकर भूपेश सरकार के विरोध में नारे लगाए। इससे ये भी स्पष्ट है की कांग्रेस सरकार के लिए अब एकतरफा जैसी बात नहीं रहेगी।

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