सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रत्येक परिवार से एक न एक बेटा या तो संघ (आरएसएस ) में होना चाहिए या बजरंग दल में होना चाहिए ।
बैतूल। आज के समय में चारो ओर सनातन धर्म को तोडऩे का प्रयास चल रहा है। गुरूकुल के बदले स्कूल बना दिए गए है जहां संस्कार नहीं मिल रहे है। संस्कार से ही राष्ट्र या सनातन धर्म की रक्षा होगी। वर्तमान समय में राष्ट्र या सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रत्येक परिवार से एक पुत्र को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ या बजरंग दल में होना चाहिए। जिससे सनातन धर्म की रक्षा हो सके।
उक्त उद्गार बैतूल में मां ताप्ती शिवपुराण समिति द्वारा आयोजित ताप्ती शिवपुराण समिति द्वारा आयोजित मां ताप्ती शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आज महिलाओं ने सनातन धर्म को संभाल रखा है। सनातन धर्म में पहले शिक्षा के लिए गुरूकुल व्यवस्था थी। गुरूकुल में पढऩे वाला कभी नौकर नहीं बनेगा। गुरूकुल में मिलने वाले संस्कारों से हमेशा राजा ही बनेगा। लेकिन अंग्रेजों ने गुरूकुल को स्कूल में बदल दिया,स्कूल में केवल यह सिखाया जाता है कि धन कैसे कमाया जा सकता है। धन कमाने के लिए शिक्षा ले रहे है। लेकिन राष्ट्र की रक्षा कैसे करेंगे? सनातन धर्म की रक्षा कैसे करेंगे? यह गुरूकुल में सिखाया जाता था। प्रत्येक माता-पिता को बच्चों में संस्कार देना जरूरी हो गया है।

कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का उद्गार “सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रत्येक घर से एक न एक बेटा या तो संघ में या बजरंग दल में होना चाहिए।

सर्वविदित है कि कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा लगातार देश के राज्यों में सनातन धर्म के लिए बहुत स्पष्ट रूप से खुलकर बोल रहे हैं और इनके अनुयायी भी काफी संख्या में इनका अनुसरण कर रहे हैं।

रायपुर में भी इन्हें सुनने इतने लोगों की भीड़ उमड़ती थी कि शाम को दो घंटे पूरा ट्रैफिक जाम हो जाता था।यही स्थिति हर जगह हो रही है।

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