भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव को अंतिम रूप धीरे-धीरे देती जा रही है। देश के विभिन्न राज्यों से 204 लोकसभा क्षेत्र को चिन्हित किया है जिन्हें हर हालत में 2024 के लोकसभा चुनाव में जीतने का लक्ष्य अभी से ही भाजपा बनाकर चल रही है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार जनवरी 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। भाजपा राज्य और केंद्र के संगठन चुनाव स्थगित कर सकती है और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा का लोकसभा चुनाव संपन्न होते तक कार्यकाल बढ़ा सकती है।
इस पर मंथन करने के लिए 28 दिसंबर और 29 दिसंबर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भाजपा की बड़ी बैठक होने जा रही है जिसमें 2023 को संपन्न होने वाले विधानसभा चुनाव जिसमें छत्तीसगढ़ में शामिल है और 2024 के लोकसभा चुनाव पर भाजपा की रणनीति क्या है उसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।

चूंकि भाजपा के’ कांग्रेस मुक्त भारत अभियान ‘ में छत्तीसगढ की प्रचंड बहुमत वाली कांग्रेस सरकार वर्तमान में सबसे बड़ी फांस बनकर चुभ रही है इसलिए छत्तीसगढ को लेकर व्यापक मंथन और इसके बाद युद्ध स्तर पर क्रियान्वयन इस बैठक के बाद ही देखने को मिलना शुरू हो जाएगा।

जो संकेत मिल रहे हैं उससे भाजपा संगठन छत्तीसगढ में दूसरी पंक्ति के नेताओं की कमी को पूरी तरह महसूस कर चुकी है,इसे लेकर भी एक नई रणनीति बनाकर उस पर तेजी से अमल करने की विशेष योजना है। छत्तीसगढ में बेअसर मगर स्थापित चेहरों के मकड़जाल से भाजपा संगठन अब निकलने का मन भी बना चुका है।इसके लिए अंदरूनी तौर पर बहुत गुप्त रूप से बेहद तेज तर्रार और विशेषज्ञों को छत्तीसगढ भेजकर पहले ही पूरा डाटा केंद्रीय संगठन मंगवा चुका है।

छत्तीसगढ से लोकसभा की दो सीट खो चुकी भाजपा अभी से इन सीटों पर अलर्ट है।

वहीं पिछली बार सांसद बने अधिकांश चेहरे इस बार के लोकसभा चुनाव में गायब हो जायेंगे ये तय माना जा रहा है।

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