नई दिल्ली/ रायपुर
6 पंडित दीनदयाल मार्ग केंद्रीय भाजपा कार्यालय नई दिल्ली के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार खरमास समाप्त होने के बाद और मकर सक्रांति त्यौहार होने के बाद केंद्रीय मंत्री परिषद में फेरबदल होने की पूर्ण संभावना है कई चेहरे मंत्री परिषद से बाहर हो सकते हैं।
विश्वस्त सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिल सकता है इसके साथ ही केंद्रीय संगठन में भी फेरबदल होंगे कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाने की संभावना है।
वैसे भी भाजपा का केंद्रीय संगठन आगामी लोकसभा चुनाव और कुछ बड़े राज्यों खासकर राजस्थान,छत्तीसगढ व मध्य प्रदेश को लेकर पूरी तरह चुनावी मोड पर आ चुका है।
मगर कांग्रेस मुक्त भारत में सबसे बड़ी बाधा छत्तीसगढ राज्य है जहां कांग्रेस की प्रचंड बहुमत वाली सरकार है।इस कारण छत्तीसगढ को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कोई भी जोखिम उटाना नहीं चाह रहा है।संकेत मिल रहे हैं कि यहां जनवरी माह से बहुत तेजी से भाजपा के ज़मीनी और नए चेहरों को सामने लाने की कवायद शुरू हो सकती है।
भानुप्रतापपुर विधान सभा उपचुनाव में भी भाजपा के बड़े चेहरे पूरी तरह से बेअसर साबित हुए हैं साथ ही अन्य मुद्दों पर भी आमजन भाजपा के वही पुराने चेहरे को देखकर भाजपा से फिर दूरी बनाने का मन बना लेते हैं,इस बड़ी बाधा को भी भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बहुत अच्छी तरह से समझ चुका है।