में दो दिन से लगातार कोहरे ने पूरे सरगुजा ज़िले समेत आसपास के क्षेत्र को भी अपनी आगोश में ले लिया है।
शाम होते ही कोहरे की चादर अंबिकापुर शहर को भी ढकते दिख जाती है और ये चादर देर सुबह तक भी शहर समेत आसपास के क्षेत्र को ढके रहती है।
देश के दिल्ली,यूपी,राजस्थान समेत 5 राज्यों में स्कूलों की छुट्टी इस कोहरे को देखते हुए कर दी है।जिससे देश के नौनिहाल सुरक्षित रहें क्योंकि कोहरे के कारण जानमाल के नुकसान से ख़बरें भरी रहती हैं।मगर सरगुजा का ज़िला प्रशासन आज संचार माध्यमों और मौसम विभाग की भी कोई परवाह न कर यहां स्कूलों के लिए इन कोहरे वाले दिनों में कोई गाईड लाईन जारी नहीं कर सका है।
इसी से अंदाज़ लगाया जा सकता है कि यहां का प्रशासन बच्चों के प्रति किस हद तक असंवेदनशील रवैया अपनाकर किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण देने में तुला हुआ है।
इन चंद तस्वीरों को देखकर आप ज़िले में कोहरे का अंदाज़ लगा सकते हैं कि विजिबिलिटी कितनी कम है। आसपास की कुछ दूरी की चीज़ों को देख पाने में लोग नाकाम हैं।
सुबह के समय कोहरे के कारण आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल तक छोड़ने खुद अपने साधन से जाते हैं और वो और बच्चे दोनों कोहरे में छिपी ओस की बूंद से पूरी तरह भीग जा रहे हैं।
यहां तक कि अपनी स्कूटी व बाईक से आने जाने वाले टीचर भी कुछ इसी तरह का परेशानी वाला अनुभव सुना रहे हैं मगर अभी तक सरगुजा ज़िला प्रशासन को इसकी भनक नहीं है।शायद कोहरे की धुंध से प्रशासन की आंखों की दृष्टि भी आगे तक देख पाने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है।
‘पहल’ इस समाचार से प्रशासन को निद्रा से जागने की अपील कर रहा है वहीं रहां के तथाकथित दिग्गज नेताओं से भी अपील करता है कि कम से कम स्कूल के छोटे छोटे बच्चे जो हमारे देश का उज्जवल भविष्य हैं उनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाने की ‘पहल’ करे।