बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री पूरे देश के लिए एक बहुचर्चित शख्सियत बन चुके हैं।पिछले तीन दिन से वो रायपुर में हैं।
नागपुर में इन्हें चुनौती पर कहा कि आजतक उन्होंने कोई लीगल या कुछ लिखकर नहीं भेजा।नागपुर की समिति वाले पादरी पर क्यों कुछ नहीं बोलते।जब से हमने धर्मांतरण रोकने के लिए,घर वापसी के लिए ध्वजा उठाई है तब से षड्यंत्र किया जा रहा है।हमें इन सब बातों से रूकना नहीं है। इसमें समय बर्बाद न करके चुनौती को पूरा करना है।
बालाजी को मानने वाले धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने वीडियो संदेश में स्पष्ट कहा है कि हम कभी भी अंधविश्वास नहीं फैलाते।अपने ईष्ट की पूजा करने से कोई चमत्कार होता है तो वो उनकी कृपा है।यदि ये सब जादू टोना है तो भारत के प्रत्येक सनातनी को जो ईष्ट की पूजा करते हैं उन्हें जेल में भर दो।औरों पर ऊंगली क्यों नहीं उठाते कोई समिति वाले।
हम धर्मांतरण रोकेंगे,घर वापसी करवायेंगे और पूरे भारत में साधु संतों के माध्यम से झंडा फहरायेंगे।अभी तो ये टेलर है,एक से एक चुनौती आएगी पर बागेश्वर धाम के लोगों,झंडा उठाने वालों से ये अनुरोध है कि आगे बढ़ना है इन सब में व्यर्थ समय बर्बाद नहीं करना है।
अब ये तो तय है कि छत्तीसगढ में भी धीरेन्द्र शास्त्री की जबरदस्त लोकप्रियता हो चुकी है और वो घर घर में चर्चा का विषय बन चुके हैं। ये बात राज्य सरकार भी समझ चुकी है इसलिए कल सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने भी बयान तो दिया लेकिन भूलकर भी उसमें धीरेन्द्र शास्त्री का नाम लिए बिना बेहद संतुलित बयान दिया।भूपेश बघेल अच्छे से समझ चुके हैं कि धर्म अभी भी देश की राजनीतिक दिशा व दशा बदल सकता है इसलिए वो इस विषय पर कोई विवाद में न पड़ें तो ही अच्छा है।
वहीं भाजपा के नेता धीरेन्द्र शास्त्री के कार्य की जिसमें धर्मांतरण का मुद्दा है उसकी प्रशंसा कर उनका सपोर्ट करते बोल रहे हैं।