रायपुर-आयुर्वेद के नाम पर बन रही थी मिलावटी दवा।बड़े बड़े मेडिकल स्टोरों तक होती रही सप्लाई। चौंका देने वाले तथ्यों का हो रहा खुलासा।
जोड़ों का दर्द , गंजेपन से छुटकारा और कैंसर जैसी गंभीर बिनारियों को जड़ से ठीक कर देने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों का अगर आप सेवन कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत ही ज़रूरी है। लोगो का आयुर्वेदिक दवाइयों की ओर बढ़ते रुझान का फायदा उठाकर नकली आयुर्वेदिक दवा खपाने का बड़ा कारोबार चल रहा है वो भी धड़ल्ले से। राजधानी रायपुर में ऐसे ही नकली दवा बनाने और खपाने वाले कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है ।
नकली दवा बना बेचकर कईयों की जान से खिलवाड़ करने वाले दवा कारोबारियों के ठिकाने पर छापेमारी की गई है।
रायपुर में इन दवाओं को बड़े पैमाने पर बनाकर बेचने का काम चल रहा था। खाद्य और ड्रग्स विभाग को जब इनके ठिकानों की भनक लगी तो एक टीम बनाकर नकली दवा बनाने और बेचने के कारोबार में शामिल लोगों के दुकान में छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी गई । अब तक करोड़ों की दवाएं और दवा बनाने वाली सामग्रियों को जप्त किया गया है ।
रायपुर के गीतांजलि नगर स्थित बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी यहां 1266000 गोलियां कीमत करीब 200 करोड़ से ज्यादा यहां का संचालक सूर्यकांत बघेल है । यशिका ट्रेडिंग एवं मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड शंकर नगर, ओमिया मार्केट बिरगांव 3960 गोलियां कीमत लगभग 92 हजार, सिमगा के शारदा मेडिकल स्टोर में 5 करोड़ से ज्यादा की गोलियां छापेमारी कर बरामद किए गए है ।
औषधि प्रशासन विभाग और खाद्य विभाग की टीम सबसे पहले ग्राहक बनकर इस मेडिकल स्टोर में पहुंचे और फिर दुकान के भीतर जाकर देखा तो दवा कारोबारी ने दुकान के भीतर दवा फैक्ट्री का पूरा सेट अप लगा रहा था। यहां कैंसर ,जोड़ो का दर्द और सिर पर बाल उगाने संबंधित कई नकली दवाओं के रॉ मैटेरियल मिले जिनकी कीमत करोड़ों में है।
इन दवाओं को यहां बनाकर बड़े बड़े मेडिकल दुकानों में सप्लाई कराया जा रहा था। मार्केट में इन दवाओं को उज्जैन का प्रोडक्ट बताया जाता था जबकि इन्हे रायपुर में ही तैयार किया जाता था जिसकी जानकारी खाद्य विभाग और औषधि प्रशासन विभाग के अफसरों को लग गई और इनके सभी ठिकानों पर दोनो विभाग के अफसरों ने छापा मार करवाई की ।
जांच टीम ने जब इन दवाओं की जांच की तो पता चला कि तथा कथित आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक डाइक्लोफेनिक और अक्सलोफेनिक की मात्रा पाई गई ।
ये एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और ये काफी समय से चल रहा है ऐसे में पूर्व की भाजपा सरकार समेत अभी वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग संदेह के घेरे में है।आखिरकार आम जन के स्वास्थ्य के नाम पर जान से खिलवाड़ किया जा रहा है,जिसके तार मध्यप्रदेश से भी जुड़े हैं।एक बात तय है कि इस तरह के गंभीर मुद्दों के लिए आमजन का जागरूक होना भी सबसे महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकता है।हर मामलों में हम सरकार को दोष देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेते हैं।जबकि शिक्षा,स्वास्थ्य व खानपान से जुड़े मुद्दे हर एक को पूरी तरह प्रभावित करते हैं।