आज छत्तीसगढ विधान सभा के पहले दिन ही राज्यपाल को लेकर बृजमोहन अग्रवाल वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री भाजपा ने कहा देश में पहली बार एक ऐसी सरकार जो राज्यपाल पर विश्वास न कर राज्य के मुख्य सचिव के माध्यम से हाईकोर्ट में वकील के माध्यम से गई।इस पर कांग्रेस के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा हमने राजभवन के विरूद्ध मामला न्यायालय में नही लगाया है।करोडों जनता के लिए और आरक्षण पर लगाया है।राज्यपाल पद पर पूरा विश्वास है सम्मान है।प्रतिपक्ष का कहना बहुत दुखद है।
लेकिन ये मामला तब और गरमा गया जब कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने कह डाला “भाजपाईयों का दोगला चरित्र आज सामने आया।राज्यपाल जी के अभिभाषण के दौरान भी भाजपा विधायक लगातार टिप्पणी करते रहे।”
भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल के बयान पर कहा कि भ्रष्ट विधायक और महिलाओं से पैर धुलवाने वाला विधायक राजनैतिक शुचिता की बात कर रहा है। कहा विनय जायसवाल जैसे भ्रष्ट विधायक आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं इससे आश्चर्यजनक और कुछ नहीं हो सकता।कांग्रेस की स्थिति हास्यास्पद है।राष्ट्र पति के लोकसभा में भाषण पर कांग्रेस ने क्या किया था ये सबके सामने है।
वहीं कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने पूरी गंभीरता के साथ मीडिया से बात की और विधान सभा परिसर की मर्यादा का पालन करते हुए बयान दिया।कांग्रेस हो या भाजपा कम से कम इन्हें अपने वरिष्ठ विधायकों से ही ये सीखने की सख्त आवश्यकता है कि विधान सभा में किस मर्यादा का पालन कर क्या बोलना है।बहरहाल विनय जायसवाल जो कि खुद कई बार विवादों में घिरकर अपना और अपनी पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं ऐसे लोगों से वक्तव्य दिलवाना कांग्रेस के लिए मुसीबत का ही सबब बनेगा।