छत्तीसगढ भाजपा के दिग्गज नेता भी खाली बैठक और मंथन में ही मशगूल होकर एक पर एक योजना बनाते जा रहे हैं मगर भूपेश बघेल अपनी रणनीति से इन सारे दिग्गजों को एक वार में ही असहाय साबित कर देते हैं।
अब तो भाजपा के ज़मीनी कार्यकर्ता भी खुलकर कह रहे हैं कि हमारे नेता और संगठन के लोग खाली बैठक और योजना ही बनाते रहते हैं मगर ज़िलों में जब विरोध प्रदर्शन की बात आती है तो भाजपा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की संख्या से आधे भी विरोध प्रदर्शन पर नहीं जुट पाते।
स्थिति ये है कि अब पवन साय की कार्यशैली पर सबसे अधिक और बेहद गंभीर प्रश्न उठने लगे हैं यहां तक कि रायपुर में भी संगठन से जुड़े लोग स्वयं दबी जुबान से छत्तीसगढ के संगठन में बदलाव की बात कर कोई दमदार ऊर्जावान चेहरे को सामने रखकर कारगर तरीके से विरोध प्रदर्शन और उसमें भीड़ बढ़ाने की बात समय रहते ही कर लेने की बात भी कह रहे हैं।
सबसे हास्यास्पद तो ये हो गया कि भाजपा के दिग्गज नेता रायपुर से लेकर अंबिकापुर तक आगामी 15 मार्च को ‘मोर आवास मोर योजना’ के तहत विधान सभा के ऐतिहासिक घेराव का ऐलान कर योजना बनाते रह गए वहीं कल छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक धमाकेदार घोषणा कर भाजपाईयों के पूरे किए धरे पर पानी फेर कर रख दिया।
मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा: छत्तीसगढ़ सरकार आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास उपलब्ध कराने स्वयं नवीन सर्वे कराएगी
राज्य सरकार सभी पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास मुहैया कराने के प्रतिबद्ध
रायपुर, 04 मार्च 2023/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के सभी पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास मुहैया कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार यदि आवास योजना के पात्र हितग्राहियों का सर्वे आरंभ नहीं कराती है, तो राज्य सरकार एक अप्रैल से 30 जून 2023 के बीच आवास योजना के पात्र हितग्राहियों का स्वयं नवीन सर्वे कराएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के लिए कृतज्ञता ज्ञापन का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा है कि वर्ष 2011 में जनगणना हुई थी। पिछले 12 वर्षों में केन्द्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन से आम नागरिकों के जीवन में क्या परिवर्तन हुए, इसकी अद्यतन जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि इन योजनाओं में इस अवधि में जुड़े पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को हमारा यह सुझाव है कि देश में विगत 12 वर्षों में निर्मित पक्के आवास, शेष कच्चे अथवा एक कमरे वाले आवास, शौचालय निर्माण योजना, उज्ज्वला गैस योजना, किसानों की आय दोगुनी करने, शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण आदि योजनाओं की अद्यतन स्थिति का सर्वप्रथम आकलन किया जाए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार से जनगणना कराने के आग्रह के लिए पक्ष-विपक्ष के सदस्य प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलने के लिए एक साथ चलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ में 8 लाख 44 हजार आवास पूर्ण किए जा चुके हैं, इस योजना में राज्य के 11 लाख 76 हजार 150 आवासों के लक्ष्य के विरूद्ध 11 लाख 76 हजार 067 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जो लक्ष्य का 99.99 प्रतिशत है। आवासों के पूर्णता के प्रतिशत में छत्तीसगढ़ असम, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, आन्ध्रप्रदेश तथा कर्नाटक राज्यों से बेहतर स्थिति में है। छत्तीसगढ़ में लक्ष्य के 71.79 प्रतिशत आवास पूर्ण किए जा चुके हैं।
ये तो तय है कि छत्तीसगढ में भाजपा के केंद्रीय संगठन ने बहुत जल्दी ही कुछ बदलाव नहीं किए तो आगामी चुनाव भी भाजपा के लिए एक बुरा सपना देखना ही साबित होगा।छत्तीसगढ में भूपेश बघेल के सामने भाजपा का संगठन इसलिए लाचार होता जा रहा है क्योंकि संगठन के कुछ पुराने चेहरे अभी भी यहां भाजपा की राह में रोड़ा बनकर खड़े हुए हैं।लगता है भाजपा के नेताओं के बारे में सोशल मीडिया पर भाजपा के ही कार्य कर्ताओं की टिप्पणी और तो और भाजपा के ग्रुप में ही लगातार संगठन पर उठ रहे सवालों पर भी अब केंद्रीय संगठन मौन रहा तो भाजपा यूं ही योजना बनाते ही और बैठकों के दौर तक ही सीमित हो जाएगी इसमें कोई संदेह नहीं है।