टी एससिंहदेव के बयान के विरोध में सिर मुंडाकर प्रदर्शन-छत्तीसगढ़ में जब भी एम्स खुलेगा वह बिलासपुर में ही खुलेगा, दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद सरगुजा में आक्रोश देखने को मिल रहा है।

टी एस सिंहदेव के इस बयान के कारण भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने सिर मुंडाकर प्रदर्शन किया।

सिंहदेव के इस बयान को लेकर भाजयुमो पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ ने शहर के संगम चौक पर बाल मुंडन कर राज्य सरकार और टीएस सिंह देव के विरोध प्रदर्शन किया।दरअसल महानगरों में एम्स खोलने की तैयारी केंद्र सरकार की है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एम्स हॉस्पिटल खोलने की स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के समर्थन देने के बाद मुख्यमंत्री ने भी इसमें अपनी सहमति जता दी है।जिसके बाद सरगुजा में बिलासपुर में एम्स हॉस्पिटल खोले जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है. जहा भाजयुमो पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने शहर के संगम चौक में अनोखा प्रदर्शन करते हुए अपना बाल मुड़वा डाला।भाजयुमो कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को जब चुनाव लड़ना होता है तो वह अंबिकापुर से चुनाव लड़ते हैं, और लोगों का सहयोग मांगते हैं और जब एम्स हॉस्पिटल की सौगात देने की बात आई तो उन्होंने बिलासपुर को चुना है।ऐसे में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने कहां की अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्चों की मौत होती रहती है. जहा लाशों को लेकर परिजन हॉस्पिटल से घर जाते देखे गए हैं सरगुजा ज़िले में स्वास्थ्य मंत्री के रहते ज़िले में स्वास्थ्य की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। जब बड़ी सौगात मिलने का समय आया तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने इसके लिए बिलासपुर को चुना है,जो सरासर गलत है।

सरगुजा संभाग के लोगों को उपचार कराने के लिए रायपुर 330 किलोमीटर दूर का सफर तय करना पड़ता है. सरगुजा में यदि एम्स हॉस्पिटल खोला जाएगा तो संभाग सहित आसपास के प्रदेशों के लोगों को भी उसका लाभ मिलेगा. भाजयुमो पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ सरकार से एम्स हॉस्पिटल सरगुजा में खोलने की मांग की है. वही मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

सिर मुंडाकर विरोध प्रदर्शन करते अंबिकापुर में भाजयुमो कार्यकर्ता।

गौरतलब है कि बिलासपुर में अपोलो अस्पताल है और वहां आवागमन के साधन भी हैं मगर सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में एम्स की पहल की जाती तो संभाग समेत आसपास के राज्य जैसे झारखंड,मध्यप्रदेश समेत एकाध अन्य राज्य के भी मरीज यहां पहुंच सकते थे।

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