कुछ इस तरह सोशल मीडिया पर दिखाया जा रहा है आईना
छत्तीसगढ में सत्ता की मलाई चाप कर बैठे नेताओं पर संगठन की सीख का भी कोई असर फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है।
राज्य में लगातार भाजपाईयों को सिखाया जा रहा है कि पार्टी का नाम ही सर्वोपरि है।अपना चेहरा चमकाने की बजाय पार्टी को मजबूत करें। मगर तथाकथित हवा हवाई नेताओं को इन बातों की हिदायत का कोई असर होता तो नहीं दिख रहा है।
अजय जामवाल,डी पुरंदेश्वरी,नितिन नवीन ने सामूहिक रूप से तथाकथित दिग्गज भाजपाईयों की रायपुर में कलास तक ली पर ज़मीन पर इस क्लास का कोई भी पाठ ये नेता याद ही नहीं रखना चाहते।
गौरतलब है कि आज सोशल मीडिया का समय है ऐसे में जनता कब किसे कहां सबक सिखा दे इस पर हमेशा नज़र बनाई रखनी चाहिए।
सरगुजा व बस्तर संभाग में तो पिछले चुनाव में भाजपा धुल गई खासकर सरगुजा से तो सूपड़ा ही साफ़ हो गया।
जन्मदिन के पोस्टर से भरा शहर।उधर भूपेश सरकार के नाम बन गया कीर्तिमान।
लोगों ने कहा ज़मीन पर आयें भाजपा के तथाकथित नेता।दरअसल अपने जन्मदिन के पोस्टर को शहर के चौक चौराहों से लेकर गलियों तक जिस तरह एक भाजपाई नेता ने पोस्टर लगवाया उसे देखकर लोग यही कहे कि जनता के बीच और केन्द्र सरकार की योजनाओं की हकीक़त का पता अपने ज़िले समेत संभाग में पता लगाते तो ये पार्टी के लिए अच्छा रहता।
बार बार संगठन कह रहा है कि मोदी जी की योजनाओं के लाभ और प्रचार कर सब नेता ज़मीन पर दिखें।लेकिन ये नेता भरपूर बेशर्मी के साथ ज़मीन से आठ फिट ऊपर पोस्टर में अपना चेहरा चमकाने पर लगे हैं।
उधर आज भूपेश सरकार को CMIE के द्वारा जारी बेरोजगारी दर के आंकड़े में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्य का तमगा मिल गया है।
सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों का सिरमौर बना छत्तीसगढ़
अगस्त 2022 में राज्य की बेरोजगारी दर महज 0.4 प्रतिशत
बेरोजगारी दर उच्चतम से लगातार न्यूनतम स्तर पर
CMIE ने जारी किए अगस्त 2022 के बेरोजगारी के आंकड़े
मार्च-अप्रैल 2022 में थी 0.6 प्रतिशत
देश में बेरोजगारी दर 8.3%
छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल में शहरी-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने तथा रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं का असर।
देखना है कि क्या भाजपाई नेता इसी तरह अपना जन्म दिन और गुणगान करवाने में और कांग्रेस के नेताओं के साथ ज़मीन की खरीद बिक्री के मुनाफ़े वाले धंधे में व्यस्त रहकर अपनी पार्टी को और भी रसातल में ले जायेंगे।ये सब आज बीती रात से ही एक शहर से लेकर रायपुर तक चर्चा का विषय बना हुआ है।