सरगुजा जिले के मैनपाट में गुपचुप तरीके से पुत्र का धर्म परिवर्तन कराने और धर्म परिवर्तन के बाद से पुत्र के मानसिक रूप से बीमार हो जाने का आरोप लगाते हुए नर्मदापुर के बरवापारा निवासी धनेश्वर राम ने मैनपाट थाने में शिकायत करते हुए अपराध पंजीबद्ध किए जाने की मांग की है।
दरसअल मैनपाट विकासखंड के बरवापारा के रहने वाले धनेश्वर राम ने बताया कि वे और उनकी पत्नी दोनों विश्रामपुर के एक निजी चिकित्सालय में भृत्य की नौकरी करते हैं। जिसकी वजह से वे विश्रामपुर में ही रहते हैं और पुत्र पुजेरी प्रसाद गांव नर्मदापुर बरवापारा में रहता था। कुछ दिनों पूर्व ग्रामीणों द्वारा पुत्र के मानसिक रूप से बीमार होने की जानकारी दी गई, तब वे गांव पहुंचे तो देखा कि पुत्र के हाथ में गोदना से अंग्रेजी में कुछ लिखा हुआ है। जब गांव के लोंगों से पुत्र के हाथ में बनाए गोदना को पढ़ाया गया तब पता चला उसके साथ में दूसरे धर्म के ईश्वर का धन्यवाद गोदा हुआ था। जब उन्होंने पुत्र से जानकारी ली तो पता चला पुत्र को खांसी आ रही थी,इस तरह के बीमार लोग को झांसा देने के लिए एक वर्ग विशेष के लोग गांव-गांव में घूमते हैं।जब उन्हें पता चला कि पुजेरी प्रसाद भी बीमार है और वे गांव में आए और बरिमा में एक व्यक्ति के घर पर चंगाई सभा होने की बात कह वहां ले गए।
जहां चंगाई सभा में प्रार्थना के साथ भी उसे यह लालच दिया गया कि यदि वह धर्म परिवर्तन कर लेता है. तो उसे रूपए मिलेंगे और भविष्य में नौकरी भी. उसे यह बताया गया कि तुम्हे टीबी की बीमारी है. चंगाई सभा से उसकी यह बीमारी ठीक हो जाएगी, मगर जब से पुत्र ने धर्म परिवर्तन किया और चंगाई सभा में जाना शुरू किया तो उसकी स्वास्थ्य और बिगड़ती चली गई. वह मानसिक रूप से भी बीमार हो गया. वही पिता धनेश्वर राम ने मैनपाट पुलिस को बताया कि बरिमा में निवास करने वाले धर्मांतरित और वर्ग विशेष के लोगों के द्वारा किसी तरह चंगाई सभा में बीमारी ठीक होने का झांसा देते हुए धर्म परिवर्तन कराया जाता है. इसी तरह पुत्र का भी धर्म परिवर्तन कराया गया. इधर एसडीओपी धुर्वेश जायसवाल ने बताया कि आरोपों की जांच की जा रही है और जांच में आए तथ्यों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।