रायपुर विधान सभा में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का बड़ा बयान शराबबंदी sensitive matter है।जिन राज्य में शराबबंदी है वहां हमारी समिति दौरा कर रही है रिपोर्ट देगी फिर देखेंगे।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी कुछ स्पष्ट बोलने की बजाय गोलमोल जवाब देने में ही भलाई समझे।

वहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर राज्य की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया है।भाजपा के कार्यालय प्रभारी नरेश चंद्र गुप्ता ने कहा है कि”कांगेस जनता को बेवकूफ मत समझे।गंगाजल की झूठी कसम कांग्रेस क्यों खाई?शराबबंदी की घोषणा पर अमल आज तक नहीं हुआ जबकि इसी वर्ष अब विधान सभा चुनाव हैं।अंदर ही अंदर कांग्रेस को पता चल रहा है कि इन मुद्दों पर जनता कांग्रेस से जमकर सवाल करेगी इसलिए आखिरी वर्ष कांग्रेस सरकार शगूफा छेड़ रही है।”

गौरतलब है कि छत्तीसगढ के बस्तर व सरगुजा संभाग में आदिवासी समाज में कई जगहों पर शराब को सामाजिक मान्यता है और ये उनकी परंपरा से भी जुड़ी है।भाजपा हो या कांग्रेस छत्तीसगढ में कोई भी सरकार शराबबंदी को अमल में लाकर एक बड़ा वोट बैंक खोना नहीं चाहेगी।ये बात अंदरूनी तौर पर दोनों ही दलों को पता है।

छत्तीसगढ में सरकार को मिल रहे राजस्व में शराब का सबसे बड़ा योगदान है ये तथ्य भी प्रमाणित है मगर राजनैतिक दल शकूफा छेड़कर एक बार तो जनता को ठग सकते हैं बार बार नहीं।

बहरहाल शराबबंदी की घोषणा को घोषणापत्र में शामिल करना कांग्रेस के लिए जी का जंजाल बन गया है।भाजपाई भी इस बात को बखूबी समझ रहे हैं।

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