बिग ब्रेकिंग-रायपुर में खालिस्तान समर्थक अमृत पाल सिंह के पक्ष में बड़ी संख्या में महिलाओं,पुरूषों समेत युवाओं व बच्चों ने तेलीबांदा व ताटीबंध में रैली निकालकर पंजाब सरकार का पुतला फूंका।इन सबका कहना है कि अमृतपाल सिंह पंजाब में नशामुक्ति के लिए नशाविरोधी काम कर रहे हैं और सरकार उन्हें भगोड़ा घोषित कर रही है।इसमें सबसे बड़ी बात तो ये है कि रायपुर पुलिस को इस रैली के बारे में ख़बर ही नहीं लगी।जबकि आज ही भूपेश बघेल ने विधान सभा में कहा था कि कई लोगों की मौत के बाद पंजाब शांत हुआ था वहां जो हो रहा है वो दुर्भाग्य पूर्ण है। पंजाब सीमावर्ती राज्य है। जब से नई सरकार बनी है वहां ये हो रहा है।अब भूपेश बघेल इस मामले पर क्या संज्ञान अपने राज्य में लेंगे ये देखने की बात होगी।
आश्चर्य की बात है कि पुलिस महकमे और खासकर राज्य के खुफिया विभाग को इसकी भनक तक पहले से नहीं थी ऐसे में ये मामला बेहद गंभीर है।खुलेआम अमृतपाल सिंह के समर्थन में रैली निकालकर एक तरह से छत्तीसगढ की कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर सवाल कुछ लोगों द्वारा खड़ा कर दिया गया है।हालांकि इस रैली को पूरे सिक्ख समाज का समर्थन नही है ये बात अंदरखाने से आ रही है।लेकिन पूरे देश के लिए सबसे संवेदनशील मुद्दा बन चुके अमृतपाल सिंह का छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में दिनदहाड़े खुलेआम महिमा मंडन करना यहां की कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति बयां करने के लिए काफी है।
सूत्रों की मानें तो केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस संवेदनशील मुद्दे पर छत्तीसगढ सरकार को कुछ स्पष्ट दिशानिर्देश दे सकता है। यदि ये होता है तो जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार की किरकिरी होने की संभावना प्रबल होने से इंकार नहीं किया जा सकता।