मार्च महीने में हिंदू व मुस्लिम दोनों धर्म के पवित्र त्यौहार हैं। 22 मार्च से नवरात्रि पर्व है जो कि 30 मार्च तक है वहीं रमजान का पावन पर्व भी शुरू हो चुका है।
इस बीच मंत्रालय से जारी एक आदेश ने एक नई चर्चा को छेड़ दिया है।
मंत्रालय से जारी आदेश में 23 मार्च से ईद के पूर्व तक मुस्लिम शासकीय कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने एक पृथक बस चलाने की बात कही है जिसका रूट भी तैयार है और इस पत्र में बकायदा ड्राईवर का नाम भी है।
गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस पावन माह में दिन भर भूखे प्यारे रहकर सीधे शाम को एक निर्धारित समय पर अपना उपवास तोड़ते हैं।इसे लेकर इनका ध्यान रखना किसी भी सरकार के लिए अच्छा कदम है।लेकिन अभी नवरात्रि का 9 दिन का उपवास भी है इसे लेकर छत्तीसगढ के पूर्व आईएएस व भाजपा के युवा महामंत्री ओ पी चौधरी ने स्पष्ट कहा है कि “इस समाज में न्याय सभी के लिए होना चाहिए तुष्टिकरण नहीं।मंत्रालय से आदेश निकाला है पृथक बस का लेकिन नवरात्रि भी है जिसमें कई महिलायें व पुरुष उपवास रहते हैं।इसे लेकर कोई सुविधा क्यों नहीं?समाज के हर वर्ग का ध्यान रखना चाहिए मगर कांग्रेस शुरू से ही तुष्टिकरण करती आई है।इंदिरा गांधी जी के समय गौ हत्या का विरोध कर रहे साधु संतों पर गोली चलवा दी।राजीव गांधी जी के समय शाहबानो प्रकरण इसी तुष्टिकरण के कारण हुआ।पूर्व प्रधानमंत्री डाॅक्टर मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक समुदाय का है।तेलंगाना में भी तुष्टिकरण हो रहा है।न्याय सभी के लिए होना चाहिए। “
कोई भी धर्म हो सबका सम्मान व सबके प्रति समान भावना रखना ही भारतीय संविधान की विशेषता है।छत्तीसगढ राज्य सरकार के इस आदेश में 2005 का संदर्भ भी निहित है,उस समय भाजपा सरकार सत्ता में थी।
निःसंदेह रमजान के माह में कठोर उपवास का निर्वाह कर रहे मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों के लिए ये सुविधा एक अच्छा कदम है लेकिन नवरात्रि पर्व पर भी हिंदू वर्ग के लोगों को भी कुछ दिन के लिए कोई विशेष सुविधा दी जाती तो ये सोने पे सुहागा होता।