आर एस एस की अप्रैल में बैठक
31032023
रायपुर :
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्हित पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक 8 और 9 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने जा रही है, इस बैठक में प्रत्येक विषय पर मंथन किया जाएगा, आरएसएस के विस्तार के बारे में भी मंथन किया जाएगा।
शताब्दी वर्ष की तैयारियां
2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहा है, उनके कार्यक्रमों और हाल ही में संपन्न केंद्रीय बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उसे अमलीजामा पहनाने के लिए ज़मीनी स्तर पर मंथन किया जाएगा।
समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे
महत्वपूर्ण यह है कि इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में अपनी सेवाएं देने के लिए गए लोग जिन्हें विभिन्न पदों पर खासकर संगठन मंत्रियों के पदों पर नियुक्त किया गया है, उन्हें भी आमंत्रित किया गया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री और छत्तीसगढ़ संगठन के प्रभारी शिव प्रकाश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय एवं मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री भी इस बैठक में दोनों दिन उपस्थित होंगे।
मप्र और छत्तीसगढ़ का चुनावी मंथन
नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव है सूत्र यह बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश के 230 और छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्र के बारे में भी गंभीर मंथन किया जाएगा, क्योंकि 2024 में लोकसभा के चुनाव है मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीट हैं और छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीट हैं।
भाजपा के लिए सर्वे
विश्वसनीय सूत्र यह बता रहे हैं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अनुषांगिक संगठन के लोगों के द्वारा और विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से सर्वे करवाया जा रहा है, टीम पहुंच चुकी है, टीम के पास अपने सूत्र हैं वह लोगों को मोबाइल पर संपर्क कर फीडबैक ले रहे हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं उस फीडबैक के आधार पर भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीटों पर मंथन किया जा सकता है।
2018 में हुई थी हार
2018 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी लेकिन मध्य प्रदेश में सरकार पिछड़ गई थी, बाद में ज्योतिर्रादित्य सिंधिया के भाजपा में अपने विधायकों को प्रवेश करवा कर भाजपा की सरकार बनवाई गई थी, स्पष्ट रूप से भाजपा को बहुमत नहीं मिला था, वहीं छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष तक लगातार सरकार रहने के बाद भाजपा यहां बुरी तरह हार गई थी। आज मात्र भाजपा के 14 विधायक हैं।इसे लेकर भी
2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बने, ज़मीनी स्तर पर जनता की और भाजपा कार्यकर्ताओं की क्या मानसिकता है, उस पर भी मंथन किया जाएगा और शायद रणनीति तय की जाएगी, यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वैसे भी छत्तीसगढ समेत मध्यप्रदेश में भाजपा की वर्तमान स्थिति से केंद्रीय संगठन नाखुश है।वहीं संगठन के पास जो फीडबैक छत्तीसगढ से गया है उससे केंद्रीय संगठन काफी नाराज़ है।इससे पूर्व छत्तीसगढ में पूर्व के छत्तीसगढ संगठन प्रभारी सौदान सिंह पर ज़मीनी भाजपा कार्यकर्ता जमकर बिफरे हुए हैं। इन सब बातों की छानबीन कर संगठन यहां नए चेहरों को सामने लाना चाह रहा है।
छत्तीसगढ के कुछ बड़े भाजपा नेताओं ने राज्य में दूसरी पंक्ति के नेता ही खड़े नहीं किए ये तथ्य प्रमाणित रूप से दिल्ली समेत नागपुर में भी हैं।मात्र कुछ लोगों को प्रमोट करने का आरोप छत्तीसगढ के पूर्व संगठन प्रभारी पर जगह जगह लग रहे हैं।सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ में भाजपा की सरकार जोगी फैक्टर के कारण ही बनी और जैसे ही ज़मीनी नेता भूपेश बघेल ने जोगी गुट को किनारे किया वैसे ही भाजपा चारों खाने चित्त हो गई। मगर लगातार जीत का झूठा श्रेय कुछ नेता व पूर्व के संगठन प्रभारी को जाता रहा जबकि हक़ीक़त में छत्तीसगढ में भाजपा के पूरे संगठन को ही अंदर अंदर दीमक लग चुकी थी।इन सब बातों की एक एक रिपोर्ट ऊपर तक सिलसिलेवार पहुंच चुकी है।वहीं कुछ जगहों के निष्क्रिय भाजपा ज़िलाध्यक्ष के बारे में और उनकी मिलीभगत पर भी संगठन बारीक नज़र बनाए हुए है लेकिन इस बात से कुछ ज़िलाध्यक्ष अनजान होकर अपने क्रियाकलापों में लगे हुए हैं।
संगठन ज़मीनी कार्यकर्ताओं के विधान सभा रायपुर के हाल ही में हुए घेराव से प्रसन्न है और पहली पंक्ति के उन नेताओं को ही अब दूसरी भी नहीं बल्कि तीसरी पंक्ति का बनाने में लग चुका है जो यहां दूसरी पंक्ति के नेता ही नहीं खड़ा करना चाह रहे थे।