ईडी के राडार पर आ चुके छत्तीसगढ के बहुचर्चित प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश टुटेजा अंततः ईडी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि ईडी ने अनिल टुटेजा को समन भेजा मगर वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे।अभी इसी हफ्ते ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर टी एल मीणा ने छत्तीसगढ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को छत्तीसगढ में अधिकारियों के द्वारा ईडी का सहयोग न करने को लेकर एक पत्र भी लिखा था।
यश टुटेजा और अनिल टुटेजा ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिसमें अपने विरुद्ध ईडी द्वारा जो मामला पेश किया गया है उसे खारिज करने की मांग की गई है। उन्होंने भारत सरकार एवं डायरेक्टर ईडी एवं असिस्टेंट डायरेक्टर टांडी कुमार मीणा को पार्टी बनाया है कृपया उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त केस नंबर की कॉपी संलग्न है उसका अवलोकन करें।
बहरहाल ये तो तय है कि अब छत्तीसगढ में ईडी ने जो शिकंजा भ्रष्टाचार को लेकर कसा है उससे अच्छे अच्छों के होश उड़े हुए हैं।आलम ये है कि ईडी के राडार में आए लोगों को न दिन में चैन मिल रहा है न ही रात में।ऊपर से गिरफ़तारी की तलवार 24 घंटे सिर पर लटक रही है। वहीं सूत्रों की मानें तो ईडी न तो इन सब को चैन से सोने दे रही है न ही चैन से जागने दे रही है।विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो ईडी के चक्कर में फंसे लोग रायपुर से लेकर दिल्ली तक खाली बड़े नामी वकीलों की पड़ताल कर उन्हें अपना दुखड़ा सुना रहे हैं और उनकी भारी भरकम फीस को अदा करने के बाद भी गिरफ़्तार होने के भय से बुरी तरह ग्रसित हैं।
अनिल टुटेजा और यश टुटेजा इन पिता पुत्र की याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई संभावित है।वहीं ईडी छत्तीसगढ में फिर से कुछ बड़ा करने को लेकर सक्रिय है।