पहाड़ी कोरबा की ज़मीन मामले पर रामविचार नेताम पर अमरजीत भगत का बड़ा बयान। कहा कथनी और करनी में अंतर है।मेरे लड़के ने ली थी पता चलते ही ज़मीन वापस की वो भी खोजकर।

पहाड़ी कोरवा की ज़मीन भाजपा नेता रामविचार नेताम की बेटी के नाम रजिस्ट्री कराए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ के खाद्य संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत का सीधे भाजपा पर हमला बोला कहा इनकी कथनी और करनी में अंतर है।

जशपुर 23 अप्रैल 2023

छत्तीसगढ़ के खाद्य व संस्कृति मंत्री एक दिवसीय प्रवास पर बगीचा पंहुचे जहां उन्होंने भागवत कथा में भाग लिया।इस दौरान पत्रकारों द्वारा पहाड़ी कोरवा की ज़मीन बीजेपी नेता रामविचार नेताम की बेटी के नाम रजिस्ट्री कराए जाने के सवाल पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब उनके बेटे ने पहाड़ी कोरवा की ज़मीन खरीदी थी तो बीजेपी वालों ने आपत्ति करते हुए इसपर राजनीति की थी। जिसके बाद पता चलते ही उन्होंने जमीन वापस करा दी थी। वो भी जिसकी ज़मीन थी उसे खोजकर वापस की क्योंकि उसे छुपा दिया गया था।बीजेपी पर सीधा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि जमीन वापस कराकर उन्हें भी उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।उल्लेखनीय है कि जिले के बगीचा पाठ क्षेत्र में रामविचार नेताम की बेटी के नाम लगभग 13 एकड़ भूमि पहाड़ी कोरवाओं से रजिस्ट्री करा ली गई है।जिसको लेकर पीड़ित के परिवार वालों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए जमीन वापसी की मांग भी की है।अब तक जिला प्रशासन ने उक्त मामले में जांच कार्यवाही नहीं की है।इधर पीड़ित परिवार को जमीन दलाल लगातार धमकी चमकी कर रहे हैं जिसके कारण वे दहशत में जीने को मजबूर हैं।अपने को कोरवाओं की हितैषी बताने वाली बीजेपी अब तक अपने पार्टी के नेता के इस कृत्य पर खामोश बनी हुई है।वहीं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बीजेपी पर सीधा आरोप लगाते हुए उन्हें झूठा बताया है और कहा कि वोट के लिए बस ये राजनीति करते हैं।बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है।

गौरतलब है कि बाकसाईट खनन से लेकर उद्योगपतियों के इशारे पर पाठ क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ कोरवाओं की ज़मीन अलग अलग नामों से खरीदी जा चुकी है।वहीं भाजपा नेता की बेटी का नाम सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।हांलाकि मंत्री अमरजीत भगत ने ज़मीन वापसी के मुद्दे पर कहा कि वे व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ते हैं।

अब देखना ये है कि पीड़ित पहाड़ी कोरवाओं की समस्या का समाधान कब हो पाता है।

रामविचार नेताम के इस कृत्य से अंदर ही अंदर भाजपा का संगठन भी बेहद नाराज़ है।रामविचार नेताम अपनी खोई राजनीतिक ज़मीन तलाशने के लिए सरगुजा ज़िले के मुख्यालय अंबिकापुर में भी संभावना की तलाश कर रहे थे मगर यहां दूसरे भाजपाई अब इस मामले पर अंदर ही अंदर प्रसन्न हैं साथ ही कुछ लोग खुद व्यक्तिगत रूचि लेकर पूरे मामले को केंद्रीय संगठन के पास पहुंचाने में लगे हुए हैं।

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