छत्तीसगढ के सूरजपुर ज़िले के विश्रामपुर से शिक्षा के मंदिर में कानून के रखवाले की गर्दन मरोड़कर एक कांग्रेस नेता के द्वारा खुलेआम गंदी गालियों का वीडियो सामने आने पर लोग हैरान हैं।आश्चर्य तो ये कि ये घटना प्रेस दिवस 2 मई की है।लेकिन ये मामला तब प्रकाश में आया जब रायपुर में भाजपा के युवा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने इसे उठाना शुरू किया अन्यथा ये मामला सूरजपुर ज़िले की लाचार कानून व्यवस्था की तरह ही उसी दिन दम तोड़ चुका होता।
‘पहल’ से बातचीत करते हुए गौरीशंकर श्रीवास ने अपनी प्रतिक्रिया भेजी लिखा “हमारे जवान इतने बेबस और लाचार नही थे । विश्रामपुर सरगुज़ा का कांग्रेसी गुंडा बाबी अग्रवाल देखिये किस तरह थाना परिसर में जवानो को गाली देते हुए गला दबोचकर सब पुलिस वालों के सामने पीट रहा है । घटना के 24घंटे बाद भी एसपी सूरजपुर की हिम्मत नही हो रही है कि इस गुंडे को दबोचकर इसकी बारात निकाल सके।”
बच्चों के शाला प्रवेश विषय को लेकर कांग्रेसी नेता बाबी अग्रवाल द्वारा विश्रामपुर में nsui के कार्यकर्ताओं के साथ डीएवी विश्रामपुर का घेराव किया गया था। जिसमें पुलिस द्वारा अंदर रोके जाने पर कांग्रेस नेता बाबी अग्रवाल भड़क गये और माँ बहन की गाली देते हुए एक सिपाही की गर्दन को दबोचकर जमकर लताड़ा।हालात ये कि जब वर्दी पहने हुए पुलिस जवान की ये दशा है तो ज़िले में पुलिस की हालत कितनी दयनीय होगी ये आसानी से सोचा समझा जा सकता है।
जानकारी ये आई है कि अन्य कांग्रेस के नेता संयत व्यवहार कर रहे थे मगर एक नेता के द्वारा ही इस तरह की गुंडागर्दी क्यों हुई ये भी जांच का विषय है।
सूरजपुर एसपी से मोबाईल फोन पर बातचीत हुई जो बेहद चौंकाने वाली है।बतौर सूरजपुर एसपी रामकृष्ण साहू “यदि ये है तो हम जांच कर रहे हैं।विवेचना अधिकारी विवेचना करेंगे तभी इसमें आगे की कार्यवाही होगी।”
आश्चर्य कि एसपी महोदय अपनी प्रतिक्रिया ही यदि से शुरू किए । जब पूछा कि वीडियो प्रमाण है या नहीं उसपर भी ये गोलमोल जवाब देते रहे।
जबकि एक प्रधान आरक्षक को खुलेआम वर्दी में बेईज्जत कर कानून के मुंह पर एक तथाकथित नेता के द्वारा तमाचा मारा गया।गंभीर सवाल तो ये कि क्या खुलेआम कानून की धज्जियां यूं ही उड़ती रहेंगी।क्या अब छत्तीसगढ में दमदार आईपीएस का वाकई अकाल पड़ चुका है?इन गंभीर सवालों का जवाब बेहद गंभीरतापूर्वक सरकार समेत विपक्ष व प्रशासनिक तंत्र को भी समझना होगा।