छत्तीसगढ के सरगुजा संभाग में कानून तोड़ने वालों की बाढ़ सी आ गई है।ऐसे में दिन रात काम के बोझ तली दबी पुलिस पर हर कोई सवाल उठा देता है मगर आज हमारे समाज में जो हो रहा है उसे आंखें मूंद कर यदि सब हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें तो ये स्थिति समाज के लिए बेहद चिंतनीय होगी।

अभी हाल के दिनों में सरगुजा संभाग की दो घटनायें सोशल मीडिया समेत मीडिया की भी सुर्खियां बनीं।

पहली घटना है विश्रामपुर की जहां एक कांग्रेस के साधारण से नेता ने दिन दहाड़े विरोध प्रदर्शन के नाम पर दो दो पुलिस वालों के साथ जमकर गाली गलौज करके एक की गर्दन तक पकड़ डाली और पुलिस असहाय बनकर देखती रही।

विश्रामपुर की घटना का एकदम नया वीडियो जो कि सामने से लिया गया है वो सामने आया है इसमें कांग्रेस का तथाकथित नेता बाबी अग्रवाल पुलिस वाले को जमकर गाली देते हुए उसकी गर्दन पकड़ कर मरोड़ रहा है।

वहीं दूसरी घटना वाड्रफनगर की है।यहां दो लड़कों को पुलिस के टीआई विनोद पासवान के द्वारा हल्का बल प्रयोग कर थाने ले जाया जा रहा है।इस घटना में कुछ लोगों ने पुलिस को खलनायक की भूमिका में बिना जाने सोचे दिखला दिया जबकि हक़ीक़त इससे परे थी।दरअसल ये दोनों लड़के नशे में थे और बाईक सड़क पर खड़ी किए थे एक बार सादे ड्रेस में वहां से गुजरते टीआई विनोद पासवान ने समझाया और इसके बाद ये दोनों लड़के पीछे से जाकर पुलिस वाले को ही खरी खोटी सुनाकर निकलने के मूड में थे मगर दोनों को पता नहीं था कि सामने वाला पुलिस का टीआई है।जब दोनों की धुलाई कर टीआई ने इन्हें इनकी बत्तमीजी के लिए सबक सिखाया तो वीडियो को दूसरी तरफ प्रचारित कर इसमें पुलिस पर ही सवाल उठा दिए। ‘पहल’ की पड़ताल में हक़ीक़त कुछ और निकली दुकानदारों व प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोनों लड़के नशे में समझाने के बाद भी नहीं समझ रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शी ने स्पष्ट कहा कि पुलिस अधिकारी की सराहना करनी चाहिए न कि दोष देना चाहिए।
ये वीडियो वाड्रफनगर का है।दोनों लड़कों का डाॅक्टरी मुलाहिजा कराया गया जिसमें शराब पीने की बात सामने आई।

अब जनता को सोचना समझना है कि उन्हें खाकी में दमदार पुलिस वाले नियम के तहत काम करने वाले चाहिए या असहाय बनी पुलिस चाहिए जिसे जो चाहे वहां आकर बेईज्जत कर चला जाए।

शराब के नशे की पुष्टि दोनों लड़कों में।

By admin