सिद्धार्थ सिंघानिया गिरफ़तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण में।
अरूण पति त्रिपाठी ने भी याचिका लगाई मगर सुनवाई से पहले दबोचे गए।
आईएएस निरंजन दास भी पहुंचे 10 मई को उच्चतम न्यायालय की शरण में।

ईडी के प्रकोप से बचने के लिए छत्तीसगढ के अधिकारी व अन्य अब उच्चतम न्यायालय की शरण में जा रहे हैं।शराब की काली कमाई के धनकुबेरों पर ईडी की वक्र दृष्टि ऐसी पड़ी है कि इससे बचने के लिए और राहत पाने के लिए शराब की काली कमाई के धनकुबेरों के द्वारा एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड जो आबकारी विभाग छत्तीसगढ़ का एक उपक्रम है इसमें प्रतिनियुक्ति पर आए भारत संचार निगम लिमिटेड के चर्चित अधिकारी जो एमडी के पद पर हैं, ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में राहत मांगने याचिका दायर किए हैं लेकिन आज इन्हें मुंबई एअरपोर्ट से गिरफ़्तार कर ईडी रायपुर ले आई।
ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय में राहत मांगने सिद्धार्थ सिंघानिया और प्रमोटी आईएएस संविदा में नियुक्त आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास भी उच्चतम न्यायालय की शरण में पहुंचे हैं। जिस तरह इन सबके विरूद्ध ईडी ने प्रमाण इकट्ठे किए हैं उससे इन सब के अंदर भय व्याप्त हो चुका है।

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