छत्तीसगढ के रायपुर के पास चंद्रखुरी में मां कौशल्या के मंदिर में शूट हुई न्यूजीलैंड की फ़िल्म। विदेशी हीरोइन को साड़ी पहनना रास आया,छत्तीसगढ भाया।

बच्चों के साथ भरपूर आनंद लेकर विदेशी कलाकारों ने शूटिंग की।स्थानीय बच्चों से यहां की जमकर तारीफ़ की विदेशी हीरोइन ने।
अकल्पनीय है ये जगह साथ ही सुंदर भी।फ़िल्म के हीरो।

छत्तीसगढ में फ़िल्म व पर्यटन के लिए नियुक्त भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार गौरव द्विवेदी ने ‘पहल’ से बातचीत करते हुए विदेशी फ़िल्म के छत्तीसगढ में फ़िल्मांकन को मील का पत्थर बताया।गौरव द्विवेदी के अनुसार पटकथा है जिसमें”विदेशी बस में सफर करते रहते हैं, तभी एक बुढ़िया अपनी 8 महीने की पोती और 5 साल की पोती के सतग आती हैं, बस में जगह नहीं होने के कारण वो अपनी आठ महीने की बेटी विदेशी को दे देती हैं, तब दूसरा बस stop आता हैं, वहाँ उसका पोता उसे दिखता हैं, विदेशी औरत खुजलाती रहती हैं, वो बस से उतर कर अपने पोते से मिलती हैं, फिर दिखती नहीं हैं, उसकी पोती विदेशियों के पास ही रहती हैं, विदेशी सोचते हैं की वो उन्हें बेवकूफ बना कर चली गई और अपनी आठ महीने की पोती उनके पास छोड़ गई, तब बस चलने लगती हैं, बस दूसरी जगह बाहर निकलने वाली जगह पर रूकती हैं, वहाँ बुढ़िया वापस बस पर चढ़ती हैं, और विदेशियों के लिए खुजली की दवाई लाती हैं, तब विदेशी शर्मिंदा होते हैं।”
कौसल्या मंदिर में new zealand की team recce पर, Director, Producer William, And India Incharge Ashish Shah MCKEGG

गौरव द्विवेदी लगातार छत्तीसगढ में फ़िल्म कलाकारों को लाने व यहां काम करने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे हैं।फ़िल्म ‘मुल्क़’ में अभिनेता ऋषि कपूर के साथ काम कर चुके गौरव द्विवेदी ने बताया कि छत्तीसगढ में फ़िल्म उद्योग के लिए बहुत स्कोप है।यहां पुरातात्विक स्थल,राम वन गमन क्षेत्र समेत छत्तीसगढ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में भव्य व बड़े बजट की फ़िल्में को फ़िल्माने के लिए एक से बढ़कर एक लोकेशन आसानी से उपलब्ध हैं।इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा साथ ही पर्यटन में भी छत्तीसगढ का नाम अमिट छाप छोड़ते हुए दर्ज किया जाएगा। शीघ्र ही हम अन्य बड़े प्रोजेक्ट लाने की भी तैयारी कर रहे हैं जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को भी पर्याप्त मौका मिल सके।

गौरव द्विदेदी छत्तीसगढ के मीडिया सलाहकार हैं,उन्होंने छत्तीसगढ में फ़िल्म व बेबसीरीज के लिए सकारात्मक ‘पहल’ करते हुए बड़े कलाकारों को यहां की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया है।

छत्तीसगढ में आशुतोष राणा जब आए वो यहां इतने खुश हुए कि कई लोगों से आत्मीय लगाव के साथ मिले।गौरव द्विवेदी लगातार बड़े इवेंट करा रहे हैं।ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले बाॅक्सर विरेन्द्र कुमार भी इनके मित्र हैं जिन्हें ये छत्तीसगढ सर्वप्रथम लाए थे।

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