सरगुजा संभाग के जंगलों,खूबसूरत वादियों को बर्बाद करने में बड़े बड़े नेताओं के पदचिन्हों पर चलते हुए छुटभैय्ये नेताओं ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
आज ‘पहल’ के खुलासे में एक ऐसे नटवरलाल के बारे में पड़ताल है जिसके तथ्य चौंकाने वाले हैं।हमने सरगुजा के बतौली विकासखंड में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के निज सचिव भूपेंद्र यादव और अन्य कांग्रेस नेताओं समेत राजस्व अमले के कुछ लोगों की मिलीभगत के बारे में पूरे दस्तावेज के साथ ख़बर बनाई थी। आज हम आपको बता रहे हैं बतौली के एक भाजपा नेता अमित गुप्ता के कारनामों के बारे में।ये अपने आप को कई बड़े नेताओं का खास बताता था।और जब सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह भी जब इसके घर जाकर खुद को आनंदित महसूस करें तो कहना ही क्या।
अब सवाल ये उठता है कि कांग्रेस सरकार में मंत्री के निज सचिव के विरूद्ध व अन्य के विरूद्ध तो मंत्री ने स्वयं कार्यवाही के लिए कहा जब गाँव वाले शिकायत के लिए पहुंचे।अब भाजपा इस मुद्दे पर क्या नैतिकता दिखाएगी ये भी लोग जानना चाह रहे हैं।भाजपा के एक युवा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि” ऐसे लोग हमारी पार्टी के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं और संगठन इस ओर ध्यान नहीं दिया तो छत्तीसगढ में हम ज़मीन पर कैसे दिखेंगे।”
अब एक नज़र पुलिस के द्वारा दर्ज एफआईआर पर
एक गंभीर और महत्वपूर्ण प्रश्न ये कि बतौली विकासखंड में चिरंगा गांव के लोग एल्यूमिनियम प्लांट स्थापित करने के लिए एक बड़े उद्योग पति का दिन रात विरोध कर रहे हैं लेकिन सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह वहां एक बार गईं वो भी काफी समय पहले और उसके बाद इनको वहां जाकर ग्रामीणों की सुध लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
‘पहल’ ने उस प्लांट और उस पर नेताओं के संरक्षण की ख़बर भी प्रमुखता व पूरे तथ्यों के आधार पर की है।
भाजपा के नेताओं को अब एक सर्वे कराकर ऐसे विवादित नेताओं के लिए कुशाभाऊ ठाकरे व एकात्म परिसर में ‘NO ENTRY’ का बोर्ड लगाना होगा और एक बात गठान बांधनी होगी कि ‘कमल’ भ्रष्टाचार के दलदल में कभी नहीं खिल पाएगा।