ये ख़बर लिखते हुए ‘पहल’ अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ लिख रहा है कि सरगुजा ज़िला प्रशासन के अधिकारियों को एक बार सुप्रीम कोर्ट के आम नागरिक को दिए मौलिक अधिकारों के बारे में दिए हुए दिशानिर्देश का गहराई से अध्ययन करना चाहिए।
कुछ लोगों ने सरगुजा ज़िले के मुख्यालय अंबिकापुर के कलेक्टर बंगले के ठीक पीछे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश की खुलेआम उड़ती धज्जियों के बारे में वीडियो बनाकर हमें दिया है।यहां एक अस्पताल भी है उसके बावजूद सड़क पर बेहद तेज कानफोड़ू आवाज़ और घर के शीशों को झनझना देने समेत समेत लोगों की धड़कनों को भी बढ़ा देने वाली डीजे का वीडियो बनाकर भेजा है।
आश्चर्य कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने आवाज़ की तीव्रता मापने के पैमाने जिसे डेसीबल कहा जाता है उस के लिए एक गाईड लाईन तैयार कर रखी है और स्पष्ट दिशानिर्देश भी हैं कि आम नागरिकों के मौलिक अधिकार के लिए आवाज़ की एक सीमा होनी चाहिए। मगर यहां कई मोहल्ले में भी डीजे वाले तेज आवाज़ जिसकी सीमा 1000 डेसीबल तक चली जाती है उसे बजाते हुए बेधड़क निकलते हैं।
जबकि न्यायालय का आदेश है कि रात 10 से सुबह 6 बजे तक तेज आवाज़ में ध्वनि विस्तारक यंत्र नहीं बजा सकते।किसी कम्युनिटी हाॅल या फंक्शन में साऊंड सिस्टम के लिए एक निश्चित मापदंड हैं और उल्लंघन पर कारावास व जुर्माना भी है।
सरगुजा ज़िला मुख्यालय में कई लोग इन डीजे वालों की बेखौफ गुंडागिरी से त्रस्त हैं क्योंकि कानून के पालनहार ही इनकी कारगुजारियों पर अंकुश लगाने में लाचार हैं।अब ये लाचारी का कारण क्या है,इस पर भी एक बहस छिड़ सकती है।वहीं ज़िले में पक्ष व विपक्ष यानि सत्तारूढ दल और विपक्ष में विरोध करने वाला दल भी मौनी बाबा है जबकि मात्र 6 महीने बाद इन तथाकथित जननेताओं को आमजन के बीच वोट मांगने जाना है।
देखना ये है कि ‘पहल’ की इस आमजन से सीधे तौर पर जुड़ी इस मुहिम का समर्थन कौन साहस के साथ कर सकता है।
प्रशासन को चाहिए कि इस डीजे वाले का डीजे तत्काल जप्त करें और सभी डीजे वालों को सख्त निर्देश कर उन्हें उनकी उद्दंडता के दंड के विधान का अध्ययन कर पालन करें।वैसे भी सरगुजा ज़िले में इतना लचर प्रशासन अरसों बाद देखने को मिल रहा है।
आमजन से भी अनुरोध है कि तेज रफ्तार से चलती बाईक और बेहद तेज साइलेंसर वाले बाईक सवारों के स्टंट का वीडियो आप हम तक भेजें जिससे कानून के रखवालों को उनके कर्तव्य बोध का अहसास हम प्रमाण के साथ दे सकें।
पीड़ित महिला के अनुसार “?कल रात 10,30से11,30तक मेरे घर के सामने बारात का dj बजा रहे थे इतनी तेज आवाज थी कि पूरा घर कांप रहा था, दरवाजा खिड़की बन्द करने के बाद भी आवाज कम नही हुई, पीछे आंगन में गए तो भी आवाज तेज थी, उनको कहे कि अब आगे जाए, आवाज कम करे नही माने, 112 नम्बर को फोन किये थाना कोतवाली, अडिशनल sp सर को खबर हुई, पुलिस कंट्रोल रूम में फोन हुआ तो शायद 12 बजे पुलिस के कार्यवाही पर dj को रोका गया,मेरा प्रेशर अचानक बढ़ गया , 2 उल्टियां हुई, मैं आधे बेहोशी में पड़ी रही, ?
इस पर कार्यवाही होनी चाहिए, न जाने मेरी तरह कितने लोगों को तकलीफ हुई होगी।”
आप खुद अंदाज़ लगा सकते हैं कि इस अमनपसंद शहर में अब सुकून तलाशने वाले लोग किस हद तक मायूस हैं।