भाजपा का चुनावी चिंतन

नवंबर 2023 में होने वाले छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व के माथे पर सिकन नजर आ रहा है क्योंकि पार्टी के द्वारा करायी गयी सर्वे और आईबी की रिपोर्ट जो नई दिल्ली पहुंची है उससे केंद्रीय नेतृत्व मंथन करने के लिए 6 जून की रात्रि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मैराथन बैठक हुई।
चुनावी राज्यों से हो सकते हैं मंत्री
इस बैठक में प्रस्तावित केंद्रीय मंत्री परिषद के विस्तार में उपरोक्त राज्यों जहां चुनाव होने हैं में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए भी मंथन किया गया, इसके साथ ही लंबे समय से केंद्रीय संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय महामंत्री और राष्ट्रीय मंत्री के पद पर काम कर रहे हैं उन्हें विदाई देने के बारे में भी गंभीरता से मंथन किया गया और सूत्र यह बता रहे हैं कि मंत्री परिषद और केंद्रीय संगठन में छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व देने के विषय में भी नामों पर मंथन किया गया।
राजस्थान प्रभारी हटाये जायेंगे
इस बैठक में चुनावी राज्यों के प्रभारियों में भी फेरबदल के संबंध में भी मंथन किया गया और सूत्र यह बता रहे हैं कि यह भी निर्णय ले लिया गया कि राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह को हटाया जाए।
स्थानीय राज्यों में आंदोलन की नीति
सूत्र यह बता रहे हैं कि केंद्रीय संगठन ने स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि वह वहां कांग्रेस सरकार के विरुद्ध और तेलंगाना में बीआरएस सरकार के विरुद्ध अपना आंदोलन की रूपरेखा जमीनी स्तर पर बढ़ायी जावे और जनता का समर्थन प्राप्त करने का प्रयास किया जावे।
30 मई से 30 जून तक दौरा ही दौरा
छत्तीसगढ़ भाजपा में केंद्रीय संगठन के पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्रियों का धुआंधार प्रचार के लिए दौरा प्रारंभ हो चुका है, 30 मई से 30 जून तक केंद्रीय संगठन का महा जनसंपर्क अभियान के तहत 7 जून से 12 जून तक केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंच रहे हैं वही 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दौरे पर आ रहे हैं, वही इस अभियान के अंतिम दिन 30 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचेंगे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अन्य केंद्रीय मंत्रियों का दौरा संपन्न हो चुका है।
छग में सुधार नहीं
इस बैठक में जो सूत्र बता रहे हैं उसके अनुसार यह भी चर्चा की गई कि केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के बाद भी छत्तीसगढ़ में सुधार नहीं हो पा रहा है..
आरएसएस का सघन जनसंपर्क तेजी से चल रहा –
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों के लोग लगभग पूरे 90 विधानसभा क्षेत्रों में जनमानस के बीच भाजपा के समर्थन तैयार करने के लिए गांव तक प्रवेश कर चुके हैं और उनकी रोज की रिपोर्ट भी काफी चौंकाने वाली है कि कुछ जिलों के पदाधिकारी और प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों में फेरबदल किया जावे और जो चुनाव लड़ना चाहते हैं और वह जिला और प्रदेश के पदाधिकारी बने बैठे हैं उन्हें भी तत्काल मुक्त किया जावे।

भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर एवं सह प्रभारी नितिन नवीन 12 जून से पुनः छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं।
दौरों का दौर
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्रों को तीन भागों में 30-30-30 विधानसभा में बांटा गया है और इन विधानसभा की आंतरिक संगठन की रचना के अनुसार क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और भाजपा के सह प्रभारी नितिन नवीन और प्रदेश भाजपा महामंत्री संगठन पवन साय को दिया गया है प्रदेश के दौरे पर केंद्रीय संगठन के पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री प्रचार में व्यस्त हैं प्रदेश संगठन को भी आंदोलन में लगा दिया गया है वहीं दूसरी ओर चेहरे की पहचान के लिए और चुनाव पूर्व गुटबाजी को समाप्त करने के लिए और आपसी सामंजस्य बैठाने के लिए क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल और प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की बैठकें भी ले रहे हैं और चेहरों पर नजर भी रख रहे हैं सूत्र यह बता रहे हैं कि कुछ जिलों में फेरबदल हो सकता है।
कांग्रेस बहुत आगे
संघ के अनुषांगिक संगठनों की रिपोर्ट और राज्य स्तर के भाजपा नेताओं के रिपोर्ट के आधार पर भाजपा में भी कांग्रेस से पीछे चल रही है और सरकार बनाने की जो संख्या 46 है, उसमें भाजपा नहीं पहुंच पा रही है। अभी चुनाव के लिए 5 माह बाकी है इसकी रणनीति बनाने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर रायपुर में वरिष्ठ नेताओं की मैराथन बैठक बहुत जल्द होने वाली है ऐसा सूत्र बता रहे है।

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