आख़िर क्यों महत्वपूर्ण मुद्दे को छत्तीसगढ़ में भाजपा के द्वारा नहीं उठने दिया गया?

प्रधानमंत्री मोदी की सभा में और भी भीड़ होती मगर बड़ी गलती पर छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन मौनी बाबा क्यों बना?

छत्तीसगढ़ भाजपा में हालात सुधारने का जिम्मा अब सीधे तौर पर मोदी शाह ने संभाल लिया है।ये पोस्टर समाचार पत्रों पर 7 जुलाई के पहले से दिखते तो मोदी की सभा में अप्रत्याशित भीड़ होती।

रायपुर :
भाजपा के कार्यकर्ता कर्मचारी नहीं है, वह हमारी पूंजी हैं, वह हमें छत्तीसगढ़ में सत्ता पर काबिज होने के लिए और केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने के लिए जमीन पर काम करते हैं, उनका अपमान नहीं होना चाहिए। उनसे अच्छा व्यवहार ही हो : अमित शाह.
इस पर छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा को चिंतन मनन और मंथन करना चाहिये ।
प्रेम से
5 जुलाई संध्या 8:00 बजे से लेकर 6 जुलाई को प्रातः 9:00 बजे तक प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में अलग-अलग नेताओं से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने अल्पकाल के छत्तीसगढ़ दौरे में नेताओं से कही।
स्पष्ट संदेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं से स्पष्ट रूप से कहा कि नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव और अप्रैल 2024 में लोकसभा के चुनाव हैं अब हमें जमीनी हकीकत को लेकर जनता के संपर्क में आना होगा और उनके लिए संघर्ष करना होगा, तभी हम सरकार बनाने के लायक विधायक निर्वाचित कर पाएंगे और केंद्र में सरकार बनाने के लिए हमें दो तिहाई बहुमत के लिए जनता मांग के अनुरूप जीतना होगा, इसलिए इसी रणनीति के तहत काम प्रारंभ कर दीजिये ।
मै आता रहूंगा
जब-जब प्रदेश के नेता चाहेंगे, मै छत्तीसगढ़ आता रहूंगा। आज की बैठक को अंतिम बैठक ना माने, मैं बहुत जल्द छत्तीसगढ़ के दौरे पर आऊंगा…
रवाना : फिर पीएम हाउस जाना
जो बातें निकल कर बाहर आ रही है हम इसकी पुष्टि तो नहीं कर रहे हैं लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि उन्होंने अमित शाह ने कड़ा संदेश दिया है, मीठे शब्दों में हर सुझाव उन्होंने हंसते हुए दिया और नई दिल्ली के लिए 6 जुलाई को रवाना हो गए।
कुछ समझे : नासमझ समझने की कोशिश में
इस बात को लेकर भाजपा के कुछ लोग संतुष्ट हैं और कुछ लोग उनकी बातों को समझने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर उन्होंने मीठे शब्दों में हंसते हुए कौन सा संदेश दे गए।
कुछ भाजपा नेता ही क्यों?
प्रदेश भाजपा में इस बात को लेकर भी चिंतन चल रहा है कि आखिर इतने कम लोगों के साथ उनकी बैठक सामूहिक रूप से और अलग-अलग कैसे हुई और कई ऐसे कद्दावर नेता थे जो पूर्व मंत्री भी थे वर्तमान में विधायक भी हैं उन्हें चर्चा के लिए बुलाया ही नहीं गया, आखिर ऐसी रणनीति बनाई किसने? इसको लेकर भी भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।
प्रधानमंत्री
7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल आमसभा, साइंस कॉलेज में संपन्न हुई, उन्होंने भी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार और उनके द्वारा 2018 के चुनाव के घोषणा पत्र में किए गए वादों को लेकर भी अपने संबोधन में प्रकाश डाला, शराब घोटाले को उन्होंने प्रमुखता से उठाया, आदिवासियों की, खासकर बस्तर और सरगुजा संभाग के साथ रायगढ़,जशपुर जिला और अन्य ऐसे जिले जहां तहसील स्तर पर आदिवासियों की जनसंख्या ज्यादा है, वहां ग्राम सभा का अधिकार कम करने का जो रणनीति वर्तमान कांग्रेस सरकार ने की है उस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
आदिवासी की चिंता
प्रधानमंत्री का स्पष्ट संदेश था, अपने संबोधन के माध्यम से कि अब आदिवासियों का मामला, हितों पर भ्रष्टाचार के मामलो को भाजपा नेता दिल्ली के केंद्रीय सरकार के संज्ञान में लायें।

केंद्रीय संगठन के पास यह स्पष्ट सूचना है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार का मामला जैसे वनोपज खरीदी, तेंदूपत्ता खरीदी में आदिवासी संग्रहण कर्ताओं का शोषण और करोड़ों रुपए के बकाया भुगतान के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा मौन क्यों साधे हुए हैं? यह मामला जमीनी स्तर पर पीड़ितों को लेकर जमीनी निष्क्रियता से, प्रभारी ओम प्रकाश माथुर भी काफी नाराज बताए जा रहे हैं, विश्वसनीय सूत्र ऐसा बता रहे हैं।ये मामला भाजपा के पुराने और तेज़तर्रार बालमुकुंद शर्मा ने पूरे तथ्यों के साथ संगठन के पास भेजा और अमित शाह जब जून में दुर्ग भिलाई आए तब इस मामले पर तत्काल ध्यान देकर परिणाम लाने की बात कही।

रायपुर में भाजपा के अंदरखाने से एक चोंकाने वाली बात सामने आई है।बताया गया है कि भाजपा के महत्वपूर्ण विभाग का एक मुख्य व्यक्ति छत्तीसगढ़ के वन विभाग से विशेष प्रेम रखता है।सूत्रों के अनुसार इस व्यक्ति से जुड़ी हुई कंपनी को वन विभाग के ऑडिट का काम मिल रहा है इसलिए ये महाशय वन विभाग पर विशेष कोमल भाव बनाके मुद्दों को जानबूझकर नहीं उठने देते।


मोदी शाह सख्त : सकते में प्रदेश भाजपा
छत्तीसगढ़ में चेहरे को लेकर लगभग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 5 जुलाई को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 7 जुलाई को स्पष्ट संदेश दे ही दिया यह राजधानी रायपुर में प्रदेश से आए भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा।

छत्तीसगढ़ में मोदी का चेहरा कारगर हो सकता है।सबसे बड़ी समस्या भाजपा का बेहद सुस्त मीडिया विभाग है।स्थानीय मठाधीशों को हटाकर चुस्त व तेज़तर्रार निष्पक्ष लोगों की टीम को लगाना भाजपा के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में मददगार साबित होगा

जो चर्चा 7 जुलाई को प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए भाजपा कार्यकर्ताओं में गंभीरता से होती रही उसके अनुसार
भाजपा के वरिष्ठ नेता लोकप्रिय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी का विशाल आमसभा का कार्यक्रम साइंस कॉलेज मैदान रायपुर में संपन्न लेकिन 7 जुलाई को किसी भी लीडिंग समाचार पत्र में भाजपा की आमसभा के लिए पहले से एक भी विज्ञापन नहीं आना यह कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बना रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के फोटो सहित जिला भारतीय जनता पार्टी राजनांदगांव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम सभा का विज्ञापन दिया गया मगर अन्य जगहों पर भी दो दिन पहले से संदेश आमजन तक पहुँच पाता तो मोदी की सभा में काफी भीड़ होती ।
आखिर यह चूक हुई कैसे भाजपा के मीडिया सेल ने इस मामले को संज्ञान में क्यों नहीं लिया ?यह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भी भाजपा नेताओं में यहां तक प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

बहरहाल मोदी के बदलवो बदलवो का नारा साकार करने में छत्तीसगढ़ में भाजपा को अपने भीतर छिपे हुए उन लोगों को चिन्हित करना होगा जो संगठन में घुन की भाँति लगकर अपनी ही पार्टी को खोखला करने में लगे हैं क्योंकि सामने भूपेश बघेल का वो चेहरा है जिसकी चमक ज्यों की त्यों बनी हुई है।

By admin

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