निराश और दुखी दिखे प्रेम साय।मंत्री पद से हटते ही चेहरे पर उदासी दिखी।


आदिम जाति कल्याण मंत्री और स्कूली शिक्षा मंत्री रहे डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि किसे मंत्री रखना है किसे नहीं रखना यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है मुझसे कहा गया कि मंत्री पद से त्यागपत्र दे दो मैंने दे दिया।

वैसे भी डॉक्टर प्रेम साय के बारे में लगातार शिकायतें ऊपर तक पहुँच रही थीं।एक बार तो कांग्रेस के विधायक बृहस्पति सिंह ने तो प्रेम साय पर सीधे तौर पर बयान दे डाला था।

प्रेम साय वैसे तो टी एस सिंहदेव गुट के थे लेकिन पद पाते ही सिंहदेव से दूरी बना ली थी इससे टी एस सिंहदेव और इनका खेमा भी अंदर ही अंदर प्रेम साय से बेहद नाराज़ चल रहा था।क्षेत्र में इनका विरोध भी दिखने लगा था।

बहरहाल अब ये आज से पूर्व मंत्री कहलायेंगे इससे इनके कुछ निकट के लोग भी बेहद निराश हैं।

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